डेंजर जोन-प्रशासन मौन-धधक रहे ईट के भट्टे-दंडात्मक कार्यवाही की दरकार……!
एमपी/सहडोल
बरगवां अमलाई/प्रशासन और शासन की सख्ती के बावजूद अवैध रूप से बिना किसी अनुमति के ना तो राजस्व और ना ही नगर परिषद के एन ओ सी के बिना संचालित हो रहे ईंट के भट्टे शासन-प्रशासन और स्थानीय निकाय की नजरों के सामने सरेआम धधक रहे हैं।
साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड सोहागपुर क्षेत्र के न्यू अमलाई भूमिगत खदान बंद होने के बाद अधिग्रहित भूमि रिक्त होने का जमकर लाभ उठा रहे अवैध रूप से संचालित ईट के भट्टे संचालक के बल्ले बल्ले के साथ उस अधिग्रहीत भूमि के एवज में कोयला खदानों में नौकरी कर रहे भूमि स्वामी के द्वारा भट्ठा संचालकों से भट्ठा चलाने के नाम पर कालरी प्रबंधन की जमीन का शुल्क वसूल रहे हैं और जगह-जगह डेंजर जोन जहां पर भूमिगत खदान के मुंहाने से लेकर जहां तक निकाली गई कोयला निकासी के बाद उस भूमि के ऊपर बड़े-बड़े ईद के भट्ठे धधक रहे हैं किंतु इन भट्ठा में प्रयुक्त होने वाले कोयला पानी मिट्टी सब कुछ निशुल्क सुविधा के साथ शासन प्रशासन को लाखों का राजस्व चुराने के नाम पर चूना लगा रहे एक तरफ देखा जाए तो बटूरा अवैध खनन से निकाली गई कोयले की खरीदी करते हुए भट्ठे में ईट को पकाया जा रहा है दूसरी तरफ नगर परिषद के अंतर्गत पेयजल व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए इस भीषण गर्मी में जगह-जगह पीएचई विभाग के द्वारा कराए गए बोरवेल नलकूप के पानी का उपयोग सरेआम ईट बनाने के लिए किया जा रहा है किंतु इस भीषण समस्या से नजरें छुपाए पुलिस प्रशासन जिला के वरिष्ठ अधिकारी संबंधित विभाग एवं नगरीय निकाय के जिम्मेदार जनप्रतिनिधि सब कुछ जानते हुए भी अंजान बने बैठे हैं इन्हीं कारणों से इस प्रकार अवैध रूप से संचालित हो रहा ईट भट्ठा संचालक के मनोबल में वृद्धि हो रही है सबसे बड़ा कारण प्रतिबंधित क्षेत्र भूमिगत खदान न्यू अमलाई माइंस बरगवां अमलाई अंतर्गत अधिग्रहित घूम के नीचे से कोयला निकासी कर छोड़ दिया गया वही एक भीषण खतरे को आमंत्रण देने की तैयारी अनवरत जारी है जिसमें भूमिगत खदान के ऊपर धड़क रहा ईट का भट्टा क्षेत्र की जनता के लिए खतरा बन सकता है।
बड़ी विडंबना है कि बार-बार मौखिक लिखित रूप से शिकायत होने के बावजूद भी इन अवैध भट्ठा संचालकों के ऊपर शासन प्रशासन के द्वारा नकेल कसने के लिए किसी भी प्रकार से कोई दंडात्मक कार्रवाई का ना होना इनकी निष्क्रियता और संवेदनशीलता पर उंगली उठ रही है।