बरगवां मेला ग्राउंड से प्रशासन अतिक्रमण हटाने में क्यों है बेबश और नाकामयाब..?

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बरगवां मेला ग्राउंड से प्रशासन अतिक्रमण हटाने में क्यों है बेबश और नाकामयाब..?

कागजी कोरम पूर्ति से इतिश्री अतिक्रमणकारी को किसका है संरक्षण..?

अनूपपुर /बरगवां अमलाई . बेसकीमती सरकारी भूमि पर कब्जा हो जाता है पक्की दिवार के साथ माकन भी बन जाते हैं, लेकिन न तो पटवारी को सरोकार है और ना राजस्व विभाग को और न ही नगर परिषद् को । यहां तक कि शिकायत के बाद भी कार्रवाई से परहेज या दिखावे मात्र की कार्यवाही किया जाना कई सवाल खड़े करता है। ऐसा ही एक गंभीर मामला बरगवां अमलाई नगर परिषद् के वार्ड क्रमांक एक में स्थित मेला भूमि के खसरा क्रमांक 144 /1 का है, जिस पर अतिक्रमी चेतराम चोरसिया द्वारा लम्बी दिवार और मकान बनाकर अतिक्रमण कर अवैध कब्ज़ा किया है । इस सम्बन्ध में ग्रामीणों द्वारा लगातार शिकायतों और समाचार पत्रों में खबर प्रकाशित होने के बाद राजस्व विभाग द्वारा की गई जाँच में उक्त मेला भूमि में अतिक्रमण होना पाया गया। अतिक्रमण के अनुक्रम में चेतराम चौरसिया के विरूद्ध मप्र भू राजस्वा संहिता 1959 की धारा 248 पर 041 /अ-68 /2022-23 प्रकरण दर्ज करते हुए 13 सितम्बर 2023 को बेदखली सम्बंधित आदेश पारित किया गया और दिनांक 29 जून 2024 को उन्हें निश्चित अवधि में अपने कब्जे स्वत: ही हटा लेने और नहीं हटाये जाने पर बेदखली की कार्यवाही किए जाने की बात कही गई,तदुपरांत अतिक्रमी द्वारा महज दिखावे के लिए अतिक्रमण की गई पक्की चहारदीवारी के कुछ हिस्से को तोड़ कर उसमे लगे हुए गेट को निकाल लिया गया बाकि की चहारदीवारी का लगभग सौ मीटर का हिस्सा अभी भी जस का तस खड़ा है मतलब कुल रकवे की 2.24 एकड़ अतिक्रमित जमीन से लगभग तीन से चार डिसमिल जमीन मात्र ही कब्जे से मुक्त किया गया है। बाकी के हिस्से में अभी भी अतिक्रमण यथास्थिति में है। जानकारी के अनुसार इस कार्यवाही के बाद प्रशासन का कोई भी अधिकारी शासकीय जमीन से कब्जा हटाने मौके की वास्तविकता देखने की कितना कब्जा हटाया या कितना नहीं आज दिनांक तक नहीं पहुंचा और न ही उक्त सरकारी भूमि का सीमांकन कर तारबाड़ कर स्वामित्व का बोर्ड लगाया है। ऐसी स्थित में ग्रामीणों का यह कहना गलत नहीं कहा जा सकता है की मेला भूमि से अतिक्रमण का न हटना उसके पीछे दो कारण हो सकते है या तो अतिक्रमी द्वारा अतिक्रमण के एक छोटे हिस्से को तोड़कर प्रशासन को गुमराह किया जा रहा है की अतिक्रमण हटा लिया गया है या फिर अतिक्रमी को किसी बड़े अधिकारी का संरक्षण प्राप्त है।

Bhupendra Patel
Author: Bhupendra Patel

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