APRNEWS,भूपेंद्र पटेल उपसंपादक
अनूपपुर।जिले की कई शराब दुकानों पर ग्राहकों से एमआरपी (अधिकतम खुदरा मूल्य) से अधिक कीमत वसूले जाने की शिकायतें लगातार सामने आ रही हैं। खासकर अनूपपुर मुख्यालय की दुकानों पर यह मनमानी खुलेआम की जा रही है। ग्राहकों को न तो बिल दिया जाता है और न ही दुकान के बाहर रेट लिस्ट (कीमत सूची) प्रदर्शित की जाती है, जो कि ग्राहक का मौलिक अधिकार है।स्थानीय नागरिकों ने आरोप लगाया कि दुकानदार खुलेआम मनमाने दाम वसूलते हैं, और जब ग्राहक विरोध करता है, तो उन्हें ठेकेदार और उसके पुत्र विजय राय द्वारा धमकाया भी जाता है। इस संबंध में कई बार शिकायतें की गईं, लेकिन आबकारी विभाग की चुप्पी सवालों के घेरे में है।”यह स्पष्ट रूप से भ्रष्टाचार का मामला है, जो जिला प्रशासन और आबकारी विभाग की मिलीभगत के बिना संभव नहीं हो सकता,” – ऐसा कहना है स्थानीय समाजसेवियों का।कानून के मुताबिक हर शराब दुकान पर यह अनिवार्य है कि:सभी उत्पादों की रेट लिस्ट स्पष्ट रूप से बाहर प्रदर्शित हो।ग्राहकों को बिल प्रदान किया जाए।
एमआरपी से अधिक वसूली कानूनी अपराध है।
जनता की माँग:शराब दुकानों पर रेट लिस्ट अनिवार्य रूप से लगाई जाए।एमआरपी से अधिक दाम वसूलने वाले दुकानदारों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।आबकारी विभाग की भूमिका की निष्पक्ष जांच कराई जाए।भ्रष्टाचार में लिप्त कर्मचारियों पर विभागीय कार्रवाई हो।यदि प्रशासन शीघ्र कोई ठोस कदम नहीं उठाता है, तो नागरिकों ने जनआंदोलन एवं प्रदर्शन की चेतावनी दी है।
आबकारी विभाग की भूमिका संदिग्ध
जिलेभर में शराब का ठेका परिवर्तित होने के पश्चात एक ही ठेकेदार को कॉन्ट्रैक्ट मिला है जो अपने मनमानी रवैया के कारण मनमाने दरों पर शराब विक्रय दुकानों से सेल्समैन के माध्यम से कराया जा रहा है और इस संबंध में आबकारी विभाग को जानकारी ना हो ऐसा संभव नहीं आबकारी विभाग की लापरवाही और मिली भगत के कारण ही ना तो दुकानों में रेट लिस्ट चिपका है और ना ही उचित एमआरपी पर शराब ग्राहकों को सामान उपलब्ध कराया जा रहा है शासन प्रशासन इस और किसी प्रकार का ध्यान नहीं दे रही है जबकि सरकार के लिए सबसे बड़ा राजस्व का जरिया शराब है और आबकारी विभाग के अधिकारी और कर्मचारी संरक्षण देकर जनता को लूटने में मदद कर रहा है। इस संबंध में जिला आबकारी अधिकारी मैडम सावित्री भगत जी से दूरभाष पर संपर्क किए जाने पर कभी भी कॉल रिसीव नहीं किया जाता।
