*पान ठेला में आसानी से मिल जाती है नशे की सामग्री*
शहडोल(बुढार)=अवैध नशे का कारोबार नही रूक रहा है।
जिस गली में चाहिए वहां मिल जाएगा गांजा. सस्ते नशे के शौक में युवा करने लगे हैं कारोबार. ज्यादातर गांजा पीने वाले ही बन गए हैं कारोबारी. पुलिस की तमाम कोशिशों के बावजूद नशे का धंधा मंदा नहीं हुआ.शहर में आए दिन लूटमार और छिनतई की वारदातें तो होती ही रहती हैं। ऐसी ज्यादातर वारदातें नशेडिय़ों द्वारा अपनी नशाखोरी पूरी करने के लिए की जाती हैं। पुलिस भी लगातार छापेमारी अभियान चलाकर नशेड़ी और इसका कारोबार करने वालों को गिरफ्तार तो करती है। लेकिन नशे का यह अवैध धंधा बंद नहीं हो पा रहा है। तभी तो बीते साल पुलिस द्वारा कई किलो गांजा जब्त करने के बाद भी इस कारोबार पर कोई फर्क नहीं पड़ा। आज भी नगर के गली-मुहल्लों में बडी आसानी से गांजा समेत अन्य नशीले सामानों की बिक्री हो रही है। पत्रकार की टीम ने सिटी के विभिन्न इलाकों में जाकर इसकी पड़ताल की, जिसमें काफी आसानी से गांजे की पुडिय़ा उपलब्ध हो गई। न दुकानदारों ने कोई सवाल किया और न ही उनमें किसी तरह का भय दिखा। सिर्फ 50 वाला और 100वाला पुडिय़ा या माल कहने पर पुडिय़ा निकाल कर दे दिया गया। छोटी-छोटी दुकानों के अलावा कुछ ऐसे भी लोग मिले, जो घूम-घूम कर इसका कारोबार कर रहे हैं। अपनी जेब में गांजे की पुडिय़ा लेकर ये लोग किसी खास जगह पर खड़े रहते हैं, जहां उनका नियमित कस्टमर आता है। पैसा देता है और पुडिय़ा लेकर चला जाता है।
*कालेज तिराहा का पान ठेला बना नशेड़ियों का नया अड्डा*
शहर का हदय स्थल कहा जाने वाला कालेज तिराहा शहर के सबसे सुरक्षित स्थान रहवासी कालोनी कही जाती है बुढार पुलिस ने बीते एक साल में लाखो रुपए के नशे के सामान जब्त किए और सैकड़ों लोगों को जेल भी भेजा है। लेकिन नशे के अवैध कारोबार पर पुलिस पूरी तरह से शिकंजा नहीं कस पाई है। शहर के दर्जनों मुहल्लों के सैकड़ों स्थानों पर नशीले सामान बिक रहे हैं। कालेज तिराहा समेत और भी कई इलाके हैं, जहां गांजा खुलेआम बिक रहा है।
