शहडोल (सरईकापा)। जनपद पंचायत सोहागपुर के ग्राम पंचायत सरईकापा में महिला प्रधान की कमान है। लेकिन ग्राम प्रधान की जगह उनके स्वजन ही पंचायत चला रहे है।इन सब पंचायतों में महिला ग्राम प्रधान के पद पर काबिज होने के बाद भी अधिकांश पंचायतों में सत्ता की चाबी उनके हाथों में नहीं रहकर स्वजनों के हाथों में है। ऐसे में कई सारे कामकाज ठीक तरीके से नहीं हो पा रहे है।दरअसल,ग्राम पंचायत सरईकापा में तो सरपंच के देवर अपनी मनमानी इस कदर कर रहे है जैसे ग्राम प्रधान के सारे अधिकार उनके पास ही हो।
*शिकायत करने पर झूठे प्रकरणों में फंसाने की देते हैंधमकी*
आए दिन पंचायत में शोर शराबा,चौक-चौराहों पर महिला ग्राम प्रधन देवर द्वारा नया बखेड़ा खड़ा कर दिया जाता है। अगर किसी ग्रामीण हितग्राही को महिला ग्राम प्रधान से कुछ हस्ताक्षर या काम करवाने है तो वह उनके देवर को सूचित कर उनसे ही कार्य करवाने पड़ते है। जिसकी शिकायत किसी वरिष्ठ अधिकारी से करने पर महिला प्रधान के पुत्र द्वारा पुलिस थाने में फंसाने देने की धमकी दी जाती है। जिसके चलते हितग्राहियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम पंचायत में देवर के आगे ग्राम पंचायतों में महिलाओं की आजादी अभी अधूरी है। जिन पंचायतों में महिला प्रधान है उन अधिकांश जगहों पर उनके पति, पुत्र रिश्तेदार बैखोफ होकर वे पंचायत कार्यालय में उनकी कुर्सी पर बैठते भी है और हस्ताक्षर भी करते है। जबकि पंचायती राज विभाग इसे अपराधिक कृत्य मानता है। ऐसा होने पर आइपीसी में मुकदमा भी दर्ज हो सकता है। पंचायत चुनाव में आधी आबादी भले ही क्षेत्र की महिलाएं ग्राम पंचायतों में चुनाव जीतकर ग्राम प्रधान बनने की कतार में है,लेकिन इससे ज्यादा खुशी भावी ग्राम प्रधान पति, देवर या रिश्तेदार को ह ै।इनके आगे ग्राम पंचायतों में महिलाओं की आजादी अभी भी अधूरी है। ग्राम सचिव या अन्य अधिकारियों की मिलीभगत से घोटाले गबन कर बड़ी राशि की बंदरबांट कर लेते है। प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत हितग्राहियों को एसएससी डाटा के अनुसार आवास आवंटित किए जाने हैं। पर ग्राम प्रधान देवर में घूम-घूम कर कई ग्रामीण हितग्राहियों से आवास योजना का लाभ दिलाने की बात बोल कर पैसों की मांग की जा रही है।
