जिला अस्पताल उमरिया के अस्पताल प्रबंधन की तानाशाही रवैया कर्मचारियों द्वारा अपनी पिछली सैलरी मांगने पर निकाला गया काम से ) जिला अस्पताल उमरिया में दर्जनों कर्मचारी विगत 10-15 वर्षों से विभिन्न पदों पर कार्यरत हैं जिन्हें महज 3000रु से 5000रु वेतन दिया जाता है जबकि कर्मचारियों से फुलटाइम काम लिया जाता है फिर भी कार्यरत कर्मचारियों द्वारा सौंपे गए कार्य को पूरी तरह लगन इमानदारी से किया जा रहा है अस्पताल प्रशासन द्वारा कर्मचारियों को विगत 6-7माह से वेतन नहीं दिया गया जब कर्मचारियों द्वारा वेतन की मांग की गई तों उन्हें आज़ दिनांक 04/04/2023को यह कह कर काम से निकाल दिया गया की हमे अब आप लोगों की जरूरत नहीं है इस लिए आप लोग काम पर मत आना हम पिछला वेतन भी नहीं दे सकते इस बात से रुष्ठ हो कर दर्जनों कर्मचारी लिखित आवेदन लेकर कलेक्टर महोदय उमरिया के पास पहुंच कर अपनी आपबीती सुनाई तथा अपनी पिछली सैलरी दिलाने तथा पुनः जिला अस्पताल में यथा उचित वेतन के साथ नौकरी पर रखवाने का अनुरोध किया यहां यह देखने योग्य बात है कि एक तरफ प्रदेश के मुख्यमंत्री जी प्रदेश के बेरोजगारों को रोजगार देने की बात कह रहे हैं वहीं दूसरी ओर उनकी लगी रोजी रोटी छीनी जा रही है अस्पताल प्रशासन द्वारा इन होनहार बेरोजगारों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है जिन्हें कही का नहीं छोड़ा गया अब इनके साथ इनका परिवार भी रोटी के लिए मोहताज होगा आखिर इसकी ज़बाब दारी किसकी है इन कर्मचारियों द्वारा प्रदेश के मुखिया माननीय मुख्यमंत्री महोदय से स्थाई रूप से योग्यता अनुसार नौकरी दिलाने का अनुरोध किया गया है जिससे कर्मचारियों के परिवार का भरण पोषण हो सके