अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद,नगर इकाई:
शहडोल- बुढार/धनपुरी द्वारा 14 अप्रैल बाबा साहब डॉ.भीमराव अंबेडकर जी की जयंती को समरसता दिवस के रूप मनाया गया…जिसमे प्रमुख वक्ता के रूप में प्रदेश अध्यक्ष युवा कोल समाज श्री पप्पू कोल जी उपस्थित रहे.जिन्होंने बाबा साहब के बाल्यपन जीवन काल का विस्तार पूर्वक वर्णन छात्रों के समक्ष किया..जिससे वर्तमान का युवा बाबा साहब के बलिदानों को समझे…की किस प्रकार बाबा साहब का जीवन बचपन से ही संघर्ष पूर्ण रहा.अगले वक्ता के रूप में जनभागीदारी अध्यक्ष शा.नेहरू डिग्री महाविद्यालय,बुढ़ार श्री निलेश जैन जी रहे..जिन्होंने छात्रों के बीच बताया की किस प्रकार हमे जाती,पंथ,वर्ग छोटी सोच से ऊपर उठकर हम सभी के बीच समरसता भाव रखना चाहिए.. हमे आपस में जाति,धर्म में न बटकर सभी से समानता का व्यवहार करना चाहिए.. अगले वक्ता के रूप में शा. नेहरू डिग्री महाविद्यालय,बुढार के प्राध्यापक श्री बी.एन. उपाध्याय जी हमारे समक्ष रहे जिन्होंने बाबा साहब अंबेडकर की तुलना राम से की जिस प्रकार राम ने अपने राज्य को त्याग कर 14 वर्ष वनवास भोग कर अपनी प्रतिष्ठा पर आंच ना आते हुए मर्यादा पुरुषोत्तम हुए… उसी प्रकार दृढ़ निश्चय के साथ बाबा साहब अंबेडकर ने जनजाति समाज को ऊपर उठाने का बीड़ा उठाया और उन्होंने आज जनजाति समाज को सभी जाति एवं पंथ में बराबर का स्थान दिलाया.. अगले वक्ता के रूप में विद्यार्थी परिषद के विभाग संयोजक रविराज साहू जी रहे… जिन्होंने बताया कि पुराने समय में जाति वर्ग पंत के आधार पर ऊंच-नीच की भावना कभी थी ही नहीं.. अगर पुराने समय में जाति पंथ वर्ग में भेदभाव किया जाता तो राम शबरी के जूठे बेर ना खाते.. यह जाति प्रथा का निर्माण मनुष्यों ने किया है और अब धीरे-धीरे इस जाति प्रथा की भावना समाज में समाप्त होती जा रही है और हम देख रहे हैं कि वर्तमान में सभी जाति एवं धर्म के लोग समानता और समरसता के भाव से चल रहे हैं… अगले वक्ता के रूप में शा. नेहरू डिग्री महाविद्यालय,बुढार की संरक्षिका एवं प्राचार्य डॉ. आशा अग्रवाल जी रही… जिन्होंने सभी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं को शुभकामनाएं एवं बधाई देते हुए गौरवान्वित हुई की वर्तमान की युवा पीढ़ी भी इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन कर सकती है.. मंच का सफल संचालन विद्यार्थी परिषद के नगर सह मंत्री ओम कुमार मिश्रा के द्वारा किया गया…जिसमें बाबा साहब के द्वारा कह गए एक वाक्य पर ओम ने बताया कि बुद्धि का विकास मानव अस्तित्व का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए.. तत्पश्चात विद्यार्थी परिषद के नगर मंत्री अखिलेश सिंह जी ने कार्यक्रम में उपस्थित छात्र कार्यकर्ता एवं मुख्य अतिथियों का आभार प्रकट करते हुए कार्यक्रम का समापन किया।