सिंहपुर स्टेशन मरम्मत कार्य दुरुस्त ट्रेनों का परिचालन प्रारंभ, विभाग को हुआ करोड़ों का घाटा

Share this post

सिंहपुर स्टेशन मरम्मत कार्य दुरुस्त ट्रेनों का परिचालन प्रारंभ, विभाग को हुआ करोड़ों का घाटा

अनूपपुर। सिंहपुर रेलवे स्टेशन पर 19 अप्रैल की सुबह हुए रेल हादसे के बाद पांचवें दिन ट्रेनों का परिचालन एक बार फिर शुरू कर दिया गया हैं। आज से सभी ट्रेनें अपने निर्धारित समय अनुसार चलेंगी।वहीं इस घटना से रेल प्रबंधन को 100 करोड़ से ज्यादा का नुकसान का अनुमान है। रेलवे प्रबंधन के अनुसार, हर रोज अनूपपुर से करीब 80-90 मालगाड़ी गुजरती हैं।

ज्ञात हो कि सिंहपुर रेलवे स्टेशन पर 19 अप्रैल की सुबह पटरी से उतरी 4 इंजन और 11 डिब्बों को हटाने में 4 दिन लग गए। इतने दिनों तक यात्री ट्रेनें रद्द रहने से लाखों यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। बुधवार सुबह स्टेशन के तीन नंबर पटरी पर खड़ी मालगाड़ी को इसी पटरी पर लाल सिग्नल पार कर दूसरी मालगाड़ी ने ठोकर मार दी थी। इसमें 4 जी – 9 रेल इंजन के परखच्चे उड़ गए। 11 डिब्बे बेटपरी हुई। हादसे के फौरन बाद से रेलवे ने राहत कार्य प्रारंभ किया। इसमें कई बार कुशल प्रबंधन की कमी दिखी और इससे काम की गति पर असर पड़ा। सिंहपुर में हुए रेल हादसे के पांचवें दिन ट्रेनों का परिचालन एक बार फिर शुरू कर दिया गया हैं।

आज से ट्रेनों की आवाजाही

सिंहपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म क्रमांक एक से शनिवार रात बिलासपुर-कटनी मेमू और इसके बाद शालीमार एक्सप्रेस को निकाला गया। शनिवार को यहां पटरी क्रमांक 2, 3 व 4 पर पटरी का काम होने के बाद ओएचई (ओवर हेड एक्सटेंशन) का काम किया गया। 23 अप्रैल को रैक की कमी की वजह से इंदौर से चलकर बिलासपुर जाने वाली नर्मदा एक्सप्रेस, कटनी चिरमिरी एवं अंबिकापुर जबलपुर एक्सप्रेस रद्द रहेंगी। यह ट्रेन 24 अप्रैल से शुरू हो जाएंगी।

ओवरशूट की एक और घटना

19 अप्रेल को जिस सिंहपुर क्षेत्र में रेल हादसा हुआ था, उसी क्षेत्र में फिर शनिवार को एक मालगाड़ी ने ओवरशूट किया है। सिंहपुर रेल हादसे के बाद प्रबंधन इस घटना को दबाने में पूरी तरह जुटा रहा। रेलवे प्रबंधन का कहना था कि नान सिग्नल मूवमेंट था। सिस्टम वर्किंग नहीं था, फिर भी सुरक्षा के तौर पर मामले की जांच बैठाई है। जानकारी के अनुसार, ओवरशूट की घटना सिंहपुर में शुक्रवार की रात 3 बजकर 10 मिनट में हुई। एन बॉक्स 503 डीएन डाउन में शहडोल से अनूपपुर जा रही थी। इसी दौरान सिंहपुर की लाइन नंबर एक में ओवरशूट हुआ। यहां पर रेड सिग्नल था, जिसे मालगाड़ी पार करते हुए आगे बढ़ गई थी। हालांकि लोको पायलट ने ओवरशूट के बाद मालगाड़ी को रोक दिया था। बताया जा रहा है कि यह स्टाटर सिग्नल था। 19 अप्रेल को रेल हादसे के बाद मालगाड़ियों का परिचालन बंद था। दो दिन बंद गिनती की गाड़ियों को निकाला जा रहा था। यात्री ट्रेन भी बंद थी। इस दौरान यात्री ट्रेन व मालगाड़ियों का परिचालन होता तो फिर बड़ी घटना घट सकती थी। प्रबंधन का कहना है कि नॉन सिग्नल मूवमेंट था। पूरी जांच करा रहे हैं। ओवरशूट की घटना के बाद एलआई को जांच के लिए भेजा गया। बाद में अनूपपुर में लोको पायलट को बदला भी गया। ओवरशूट की घटना में दिनभर प्रबंधन ने पर्दा डालने का प्रयास किया और छिपाए रखा। बताया जा रहा है कि हाल ही में लोको पायलट को जीएम अवार्ड से सम्मानित भी किया गया था।

इनका कहना है: –

बिलासपुर मंडल के जनसर्म्पक अधिकारी अम्बिकेश साहू ने बताया कि रविवार से सभी गाडि़यों का परिचालक प्रारंभ हो गया हैं।

Bhupendra Patel
Author: Bhupendra Patel

Facebook
Twitter
LinkedIn

Related Posts

error: Content is protected !!