अनूपपुर मुख्यालय में सूदखोरों का आतंक,दस्तावेजों से छेड़छाड़ कर फर्जी लोन की रचते हैं साजिश
अकील,मनीष और मुकेश पर सूदखोरी का लगा आरोप थाने में दर्ज हुई शिकायत
अनूपपुर /अनूपपुर में पूर्व रहे पुलिस अधीक्षक द्वारा सूदखोरों के खिलाफ अभियान चलाकर कार्यवाही की गई थी, जिसके बाद कुछ हद तक सूदखोरों पर शिकंजा कसा गया था, पूर्व पुलिस अधीक्षक के तबादले के बाद वर्तमान में सूदखोरों का बोलबाला है, बैंक के अधिकारी कर्मचारियों से सांठगांठ कर दस्तावेजों में छेड़छाड़ कर फर्जी तरीके से लोन निकालने और उस लोन की राशि को हितग्राहियों की खाते से निकालकर वारा नारा करने का कार्य बड़ी तेजी से चल रहा है, हाल ही में अनूपपुर एसपी से देवेश शुक्ला नामक व्यक्ति द्वारा शिकायत की गई है जिसमें उन्होंने मोहल्ले में निवास करने वाले अकील अहमद, मुकेश और मनीष मालू पर धोखाधड़ी और सूदखोरी का आरोप लगाया है। पूर्व में उक्त व्यक्तियों के खिलाफ भी अनूपपुर पुलिस द्वारा सूदखोरी का मामला पंजीबद्ध किया गया था जिसके बाद अब दोबारा से उक्त व्यक्तियों द्वारा सूदखोरी के धंधे को बड़े पैमाने में संचालित करने का कार्य किया जा रहा है जिस पर पुलिस की कार्यवाही ना होने से उक्त व्यक्तियों के हौसले बुलंद हो रहे हैं।
बंद खाते का लगाया चेक बाउंस करा कर रहे ब्लैकमेल
देवेश द्वारा दी गई शिकायत के अनुसार देवेश और अकील के घरेलू संबंध थे। अकील पूर्व में देवेश से कुछ पैसा उधार लिया था जिसके एवज में हस्ताक्षर सहित चेक दिया था उसके बाद देवेश को स्वयं पिता के मरने के समय काफी समस्या होने से अकील से कुछ पैसा उधार लिया गया जिसके एवज में प्रार्थी ने दो-तीन बार उधारी लेकर अपना व अपने मां के चेक दे दिया था। कई बार उधार दिये जाने से चेक का नंबर ध्यान न होने से अकील से वापस नही ले पाया जिस कारण अकील मौके का फायदा उठाते हुये प्रार्थो व उसके मां का चेक लगभग 07 नग अपने पास छुपाकर रखा हुआ है। प्रार्थो को उक्त चेक की जानकारी मिलने के बाद अकील से संपर्क किया तो अकील ने अपने पास चेक न होने की बात कही और अकील ने मनीष के साथ समझौता कर मनीष के नाम से आज दिनांक को चेक बाउन्स का मैसेज आया है जिसमें दो चेक क्रमशः 13938,13939 में राशि 9,00,000/- रू० व 10,00,000 /- रू० का लगा दिया गया है जबकि प्रार्थी ने मनीष को उक्त नंबर के चेक कभी नहीं दिया क्योंकि आज से लगभग दो वर्ष होने को है उक्त चेक का खाता पंजाब बैंक से बंद करा दिया है और मनीष पूर्व में रटांप के जरिये कोई लेन-देन न होने व उक्त बैंक का चेक न होने संबंधी लिखा-पढ़ी हुई है, उसके बाद भी अकील, मनीष व मुकेश तीनों की सूदखोरी को लेकर पूरे जिले व शहडोल सभाग में शिकायतों का तांता लगा हुआ है उसके बाद भी तीनों धड़ल्ले से ब्याजखोरी का काम अवैध रूप से 10-20 प्रतिशत में पैसा वसूल कर बेनामी संपत्तियों के मालिक बने हुये हैं।
दस्तावेजों से छेड़छाड़ कर रचते हैं फर्जी लोन की साजिश,न्यायालय में मामला है विचाराधीन
मनीष मालू, अकील अहमद व मुकेश बेजारा ये तीनों लोग बैंकों के मैनेजरों से सेटिंग करके सारे दस्तावेजों छेड़छाड़ कर फर्जी रूप से कमीशन के दम पर लोन
करा देते है और उसका भी कमीशन 20 से 30 प्रतिशत तक वसूलते है इस तरह तीनों लोग पूर्व में एक-दूसरे खिलाफ सूदखोरी को लेकर शिकायत दिये है और एक-दूसरे से समझौता कर फिर एक जुट होकर समाज में गंदगी फैला रहे है और सूदखोरी व दलाली से बेनामी संपत्ति बना रहे है जिसका जांच किया जाना भी आवश्यक है।मनीष गालू,अकील अहमद व मुकेश चेजारा ये तीनों लोगों का चेकों का मामला अनूपपुर न्यायालय में 30-40 केश विचाराधीन है और सभी केसों मे और लिखा-पढ़ी में गवाह बने हुये है। इसी तरह अकील खान अभी हाल ही में नानदाउ पोते का अवैध रूप से रखा चेक को अपने साथी कृपा शंकर गौतम के साथ मिलकर लगभग 6,00000 /- रू० का बांउन्स करा दिया था जिसकी शिकायत नानदाउ पोर्ते ने आजाक थाना अनूपपुर में किया था इस तरह अकील सूदखोरी मनीष व मुकेश के साथ मिलकर लगातार कर रहे है और प्रार्थी का चेक अकील ने मनीष को देकरबाउन्स करा दिया है।
लोन करा हड़प ली राशि, अब कर रहे देने से इनकार
मनीष ने शिकायतकर्ता को धोखा देने की नियत से घर में आकर सदैव बैंक मैनेजर और अन्य कर्मचारियों से सेटिंग बता कर लोन प्रस्तावित कराने के लिए घर से दस्तावेज मांग कर ले जाया गया, दस्तावेज मिलने के बाद शिकायतकर्ता और उनके परिवार की बिना सहमति से ग्रामीण बैंक अनूपपुर व ए०यू० बैंक से 17लाख रुपये , व 19लाख 28 हजार का लोन करा दिया और दूसरे दिन घर आकर उक्त राशि में से 4 लाख, 1लाख , 2 लाख 19 हजार, चार लाख और 2 लाख 60 हजार रुपये,2 लाख 50 हजार रुपये , 10 लाख 50 हजार अलग- अलग चेक व फोन के माध्यम से ले लिया तथा नगद 02 लाख रूपये तथा कुछ पैसा फोन पे के माध्यम से यह कहकर कि आपको वर्तमान में अभी पैसा की आवश्यकता नहीं है इसलिए मुझे दे दो, मै एक जमीन खरीद रहा हूँ। 15 दिवस में वापस कर दूंगा लेकिन उसके बाद भी पैसा न मिलने पर प्रार्थी ने दबाव बनया तो मनीश ने पैसा देने से मना कर दिया जिससे प्रार्थी ने मनीष के विरूदध एस०पी० साहब अनूपपुर के समक्ष शिकायत कर दिया जिसकी जांच एसडीओ पीट अनूपपुर को मिली तब मनीष ने अपने नाम का बैंक छोटी-छोटी रकम भरकर प्रार्थी को लगभग 08 चेक दिया और कहा कि आप बैंक बैंक में लगा दो तब प्रार्थी ने उक्त चेक को बैंक में आहरण हेतु लगाया तो सभी चेक पूर्व से
स्टॉप था जो बाउंस हो गया उक्त चेक की राशि लगभग 17 लाख 30 हजार रुपये थी और दो लाख नगद देने को कहा था लेकिन प्रार्थी को पैसा प्राप्त नहीं हुआ। जबकि प्रार्थी का हिसाब कुल राशि 29 लाख 61 हजार रूपये निकल रहा है तथा मनीष ने अभी तक 8 लाख 35हजार रूपये दे दिया है।
उल्टा शिकायतकर्ता को फर्जी मामले में फंसाने की रची जा रही साजिश
पहले तो मनीष द्वारा बिना सहमति के फर्जी तरीके से लोन प्रस्ताव करवाया जिसके बाद पैसे निकलने के बाद पैसे की राशि स्वयं मनीष द्वारा ले ली गई अब जब देवेश और उसके घर वाले पैसे मांगते हैं तो फर्जी केस में फंसा देने की धमकी दे रहे हैं। हाल ही में मनीष फर्जीवाड़ा कर लोन कराया और देवेश के विरुद्ध झूठा मामला सूदाखोरी की परिवाद पत्र अनूपपुर न्यायालय में लगया है देवेश का चेक अकील से लेकर बाउंस करा दिया गया है । जिससे उक्त घटना से काफी परेशान है मनीष अपना चेक जिसको देता है उसका चेक स्टॉप करा देता है और शिकायतकर्ता का पैसा लेने के बाद भी नहीं दे रहा है उल्टा परेशान करने की नियत से झूठा मामला की शिकायत व परिवाद पत्र लगा रहा है ताकि पैसा देने से बच सके। शिकायतकर्ता ने पत्र लिखकर अस्तु खुद के साथ हुए धोखाघडी कर लोन निकलवाने व पैसा लेने व बदले में चेक लेने उसे स्टॉप कराने और झूठी शिकायत करने के, तथा सूदखोरी किये जाने को लेकर बाद जांच कर अकील, मनीष व मुकेश चेजारा के विरूद्ध मामला पंजीबद्ध किया जाने की मांग की है।इतना ही नही इन सूदखोरों की माने तो इन्हें एक आरक्षक का अभयदान मिला हुआ है जिसके दम पर ये लोग जनता को लूट रहे है और कभी न पकड़े जाने का दम भी भरते हैं अब देखना है कि देवेश को न्याय मिलता है या शिकायत दफन होकर रह जाती है।