बुढार शहर कब कहेगा नशीले प्रतिबंधित दवाई को ना
धनपुरी के बाद अब बुढार में तेजी फैल रहा है नेटवर्क
शहडोल (बुढार)=। मस्ती एवं उन्माद की चाह में युवा वर्ग गुमराह हो रहा है। ऐसे रास्ते पर चल निकला है जिसका अगला पड़ाव सिर्फ अंधकार है।बुढार में नशीली दवाएं ड्रग्स का कारोबार तेजी से पांव पसार रहा है। झुग्गियों से लेकर बंगलों तक फैल रहा है अवैध तस्करों का नेटवर्क। एक बार नशा करने की कीमत 100 रुपये से लेकर हजारों रुपये तक है।
*कफ सीरप के गंदे धंधे का जोर*
जिले में नशे के लिए सबसे ज्यादा कफ सीरप बुढार धनपुरी में इस्तेमाल किया जाता है। डाक्टर की सलाह के बिना कफ सीरप बेचना गुनाह है। मगर बुढार धनपुरी पहले से ही इसके धंधे के लिए बदनाम रहा है। यहां की सबसे बड़ी दवा मंडी बुढार है।
मतलब इनके कारोबारी साम्राज्य में नशीली दवाओं की बेहिसाब बिक्री का योगदान है। बिना मर्ज के कफ सीरप का इस्तेमाल नशा के लिए होता है। इसमें कोडीन रसायन मिला होता है। इसकी जितनी अधिक मात्रा होगी, नशा उतना ही ज्यादा होगा। कफ सीरप पीने से दिमाग की बत्ती तुरंत गुल हो जाती है।अत्यधिक प्रयोग से मिरगी रोग व अन्य रोग की आशंका बढ़ जाती है।मानसिक बीमारी भी हो सकती है। कम उम्र वाले जल्दी गिरफ्त में आ सकते हैं। कई कंपनियां जानते हुए भी कफ सीरप में कोडीन की मात्रा अधिक मिलाती हैं।
