4 वर्ष में नहीं बन सका गौशाला, कचरा घर निर्माण में भी भ्रष्टाचार
हर्री पंचायत सचिव मनोज पटेल की काली करतूत खुलकर आ रही सामने
अनूपपुर/अनूपपुर जिला मुख्यालय से मात्र 3 किलोमीटर दूर जनपद पंचायत जैतहरी का बहुचर्चित ग्राम पंचायत हर्रि जिनके सचिव मनोज पटेल अपनी काली करतूत को लेकर निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार के विषय में जमानों से सुर्खियां बटोरते आ रहे हैं वर्तमान समय में इनकी पदस्थापना ग्राम पंचायत पिपरिया में हो गई है जो मुख्यालय से 5 किलोमीटर दूर है और अतिरिक्त प्रभार में पूर्व पदस्थापना की पंचायत हर्रि इन्ही के पास सुरक्षित है पंचायतों में अच्छी खासी भ्रष्टाचार कर काफी काला धन बटोर जमा करके निवास अनूपपुर मुख्यालय में बनाकर रह रहे हैं जिससे कि दोनों दिशा की पंचायतों को संभालने में कोई कठिनाई अब इन्हें नहीं हो रही है।
4 वर्ष बाद भी अधूरा पड़ा गौशाला,लोगों को नहीं मिला लाभ
ग्राम पंचायत हर्रि में मनरेगा मत से गौशाला निर्माण कार्य जोकि वर्ष 2020-21 में स्वीकृत हुआ और जिस का कार्य प्रारंभ 4/9/2020 को हो गई परंतु आज 4 वर्ष होने को है उक्त गौशाला निर्माण कार्य अभी तक पूर्ण नहीं कराया जा सका ग्रामीणों में जन चर्चा का विषय बना है कि सचिव मनोज पटेल के द्वारा पूर्व में निर्वाचित हुए सरपंच के साथ काम करते और अब नए सरपंच के साथ भी काम कर रहे हैं ऐसे में गौशाला निर्माण की राशि का बंदरबांट करते हुए कछुए की चाल से कार्य करते चले आ रहे हैं जिस और शासन-प्रशासन किसी भी प्रकार का ध्यान नहीं दे रही है। जनहित की राशि को शासन द्वारा गौशाला निर्माण के रूप में कार्य करने हेतु प्रदान किया था जिससे कि क्षेत्र में घूम रहे आवारा पशु को संरक्षित कर किसानों की फसलों को होने वाली छती से बचाया जा सके साथ ही दुधारू पशुओं को संजोकर रखा जा सके जिसका लाभ क्षेत्रवासियों को मिले। परंतु सचिव मनोज पटेल की स्वेच्छाचारी रवैया के कारण किसी भी प्रकार की कोई योजना का लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है।
कचरा घर निर्माण में भी भ्रष्टाचार
ग्राम पंचायत हर्रई में सचिव मनोज पटेल के द्वारा वर्तमान समय में सेग्रीगेशन सेट मनरेगा योजना से निर्माण कराया जा रहा है जिसे कचरा घर भी कहा जाता है जिसके निर्माण में व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार किया जा रहा है लाख रुपए के अंदर बनने वाली इस सड़क निर्माण में भी इनके द्वारा भारी भ्रष्टाचार किया जा रहा है गुणवत्ता का किसी भी प्रकार का ध्यान नहीं देते हुए नाले का रेत,डस्ट युक्त बजरी,निम्न कोटि का सीमेंट लगा कर के पक्का निर्माण कार्य एवं हल्की सेट का प्रयोग करके कचरा घर निर्माण के अमानत में खयानत किया जा रहा है। शासन द्वारा स्वच्छता को विशेष महत्व देते हुए गांव में जगह-जगह कचरा घर का निर्माण कराया जा रहा है ताकि गांव के लोग जागरूक हो और घर में निकलने वाली खराब खराब पदार्थ अर्थात कचरे को नवनिर्मित कचरा घर में लेकर के छोड़े जहां से पंचायत अन्य साधन के माध्यम से ट्रांसफर करता रहे परंतु मनोज पटेल जैसे भ्रष्ट सचिव के द्वारा इस योजना को भी पलीता लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ा जा रहा है।
इनकी काली करतूत आई खुलकर सामने
सचिव मनोज पटेल जब पूर्व में प्रमुख पदस्थापना पंचायत ग्राम पंचायत हर्री रही तब भी इनके द्वारा यहां पर अनेक निर्माण कार्य पुलिया,पीसीसी एवं तालाब जीर्णोद्धार में भारी भ्रष्टाचार किया गया था जिसकी काली करतूत आज भी खुलकर सामने आ रही है। और इस संबंध में पहले भी समाचार के माध्यम से इनके द्वारा काफी सुर्खियां बटोरी गई है।
कार्यवाही की दरकार
शासन प्रशासन को इस खबर के माध्यम से जानकारी पहुंच गई जिस पर कार्यवाही करने की आवश्यकता है ताकि जनहित में मिलने वाली योजनाओं का लाभ ऐसे करप्ट कर्मचारियों के चलते नहीं रुके और इन पर कार्यवाही करके अन्य कर्मचारियों द्वारा इस तरह के कृत्य को किए जाने पर रोक लग सके। ऐसे भ्रष्ट सचिवों द्वारा एकत्र की गई अकूत संपत्तियों का जांच करा कर आय से अधिक संपत्ति के मामले में राज साथ करते हुए जब तक करने की आवश्यकता है।
इनका कहना है: –
सीईओ जिला पंचायत से इस संबंध में बात की गई थी उन्होंने पता करके कार्यवाही की बात कहे थे जो 5 दिन बाद भी पता ही करा रहे हैं।
