*शहडोल(चकोडिया) =, धन की बर्बादी देखनी हो तो आइए चकौडिया कस्बे में चलें। ग्रामीणों को सिंचाई मुहैया कराने के लिए लगभग 7 करोड़ की लागत से स्टाप डेम का निर्माण कराया जा रहा है। लेकिन कमीशनखोरी के चलते आये दिन यह भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ता जा रहा है । ओबर बरडन के पत्थरों को उपयोग किया जा रहा है जिससे कि अधिक भार होने पर पत्थर चकनाचूर हो जाएगा जिससे स्टॉप डेम में भारी नुकसान होने की आशंका देखी जाएगी आखिरकार एसडीओ की मिलीभगत से ठेकेदार गुणवत्ता विहीन पत्थरों को लगाकर अपनी जेब भर रहा है जिससे स्टॉप डेम के निर्माण में कई करोड़ों की बचत कर ठेकेदार मोटी रकम एट लेगा जिससे क्षेत्र को काफी नुकसान हो सकता है आखिरकार किस अधिकारी के सह से 7 करोड़ के स्टांप डेम को अभी से भ्रष्टाचार की रूप रेखा ले बैठा*आइए जानते हैं पत्थर के बारे में किस प्रकार की पत्थर का उपयोग किया जा रहा है वेस्ट पत्थरों का उपयोग करके ट्रैक्टरों से लोकल स्तर में खुदवा कर ₹500 पर टाली ले लिया जाता है
4 ट्रैक्टर में एक हाईवा होता है जिसको ट्रैक्टर से गिरवा कर दो हजार रुपए पड़ता है और हाईवा में गिरवाने से 20000 बीस हजार रूपए अनुमानता राशि लगभग हर ट्रिप में ₹18000 बचते हैं कम से कम बांध में पत्थर का उपयोग 200 से ढाई सौ होना है शेष राशि को बचाकर एसडीओ और इंजीनियर साहब और जिले के उच्च अधिकारियों के संरक्षण में रहकर अधिकारी ने निस्फीकर हो जाते हैं की कार्यवाही तो कुछ होता ही नहीं है सब अपने लोग हैं हम सब को कमीशन देंते है यहां सब का कमीशन सेट है किसको कितना देना है
