भारी वाहनों के निकलने से छुलकारी,पसला मार्ग खस्ताहाल,वाहनों की धमाचौकड़ी से ग्रामीण त्रस्त

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भारी वाहनों के निकलने से छुलकारी,पसला मार्ग खस्ताहाल,वाहनों की धमाचौकड़ी से ग्रामीण त्रस्त

गारंटी पीरियड से पूर्व उखड़ गई प्रधानमंत्री सड़क,ठेकेदार की कारस्तानी उजागर

अनूपपुर /जिले के अनूपपुर तहसील अंतर्गत ग्राम मौहरी के सोन नदी घाट में रेत खदान स्वीकृत है मोहरी रेलवे क्रॉसिंग को भारी वाहन पास करने में समस्या होने के कारण गांव छुलकरी से हो रेत परिवहन होता है इन दिनों छुलकारी बिजौड़ी,पसला से रेत परिवहन वाहनों की धमाचौकड़ी से उठता डास्ट ग्रामीणों के लिए परेशानी तो बना ही है प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत निर्मित सड़कों की हालत खस्ताहाल हो गई है। जिसके चलते ग्रामीणों का आवागमन प्रभावित हो रहा है। पूर्व में कई बार इन सड़कों की मरम्मत को लेकर ग्रामीण रेत ठेकेदार से मांग कर चुके हैं लेकिन अभी तक न तो मरम्मत हुई न ही नए तरीके से निर्माण किया रेत से भरा भारी वाहन दिन,रात लगातार चलने से गांव मोहल्ला के सड़कों से धूल उठ रहा है |उड़ता धूल से निजाद दिलाने के लिए सुबह शाम सड़कों पर पानी का छिड़काव करवाने को कहा था परंतु बिना पानी सिंचाई के भारी वाहन सड़कों पर दौड़ रहे हैं उठता धूल से ग्रामीण त्रस्त है| वही सड़क की हालत बद से बदतर हो गया|जबकि रेत परिवहन करने से पहले सड़क मरम्मत करने की बात रेत ठेकेदार ग्रामीणों से कहा था दरअसल यह सड़कें सिर्फ ग्रामीणों के आवागमन के लिए बनाई थी ताकि ग्रामीण और उनके वाहनों का आवागमन आसानी से हो सके, लेकिन रेत माफिया ने गांवों के रास्ते रेत से भरे ओवरलोड डंपरों का परिवहन करवाने के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

हालत यह है कि ओवरलोड वजनी वाहनों के आवागमन से यह सड़कें पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी है अब ग्रामीण इन रास्तों से आवागमन करने के दौरान दुर्घटनाग्रस्त होने का संभावना बनी हुई है। ग्रामीणों ने बारिश पूर्व इन सड़कों की मरम्मत और निर्माण की मांग रेत ठेकेदार से की है ताकि बारिश में आवागमन प्रभावित न हो।

ग्रामीण बोले-बारिश से पहले मरम्मत और पेंचवर्क हो ताकि आवागमन न हो प्रभावित

बरसात में किसानों के द्वारा बड़ी मात्रा में धान की रोपाई की जाती है, किसानों के द्वारा कार्तिक धान का फसल ढोने को प्रतिदिन किसानों के ट्रैक्टर खेतों में उतारे जाते हैं काम पूर्ण होने के बाद किसान जब अपने अपने ट्रेक्टर घर वापस लेकर जाता है तो बड़ी मात्रा में टायरों से निकलने वाली मिट्टी सड़कों पर जमा हो जाती है जिसके कारण पूर्व से ही क्षतिग्रस्त सड़कें और बारिश के सड़कों पर मिट्टी के जमा होने के कारण वाहन चालकों को वाहन चलाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा| और क्षतिग्रस्त सड़कें दलदल में तब्दील हो जाएंगी जो परेशानी का कारण बनेगा।

आपातकाल के दौरान जननी वाहनों को पहुंचने में आती है समस्या

बता दें कि बदतर होती इन सड़कों की स्थिति का खामियाजा ग्रामीणों को उस समय ज्यादा उठाना पड़ता है जब घटना दुर्घटना यान डिलीवरी पीरियड के दौरान जननी वाहन समय पर गांव नहीं पहुंच पाता और यदि पहुंच भी जाता है तो निर्धारित समय पर प्रसूता को अस्पताल नहीं पहुंचा पाता ऐसी स्थिति में जच्चा और बच्चा दोनों को ही खतरा बना रहता है।

गारंटी पूरी होने से पहले उखड़ गईं सड़कें

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना हो या मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत बनी सड़कें ठेकेदार ने तो गुणवत्ता पूर्ण सड़काें का निर्माण किया था। लेकिन ओवरलोड डंपरों के आवागमन के कारण गारंटी पीरियड से पहले ही सड़कों की हालत खराब हो गई। इन सड़कों की क्षमता महज 8 टन होती है, लेकिन रेत माफियाओं ने यहां से 32 टन वजनी डंपर निकाले हैं,जिससे सड़कें खस्ताहाल स्थिति में पहुंच चुकी है जिससे ठेकेदार भी पशोपेश में बने हुए हैं। ग्रामीण पंच विनोद केवट पूर्व सरपंच सियासरन केवट रामकुमार केवट ने बताया कि छुलकारी से पसला के बीच की लंबाई लगभग 6 किलोमीटर है यहां की स्थिति इतनी दयनीय है कि यहां से किसानों को ट्रैक्टर तो दूर पैदल निकलने में भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। वही क्षेत्र का अधिकतर प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत पूर्व में बनाई गई कई सड़कें वर्तमान समय काफी जर्जर अवस्था में हैं। हालत यह है कि डामर पूरी तरह से निकलने के कारण इन पर चलना मुश्किल हो गया है। बावजूद इसके जिम्मेदारों के द्वारा इन सड़कों की मरम्मत को लेकर कोई ध्यान नहीं देता छुलकारी बिजौड़ी, पसला आदि गांव को जाने वाली इन सड़क की स्थिति बद से बदतर हो चुकी है जिसके कारण इस मार्ग पर आए दिन हादसे होने का भय बना है|

Bhupendra Patel
Author: Bhupendra Patel

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