पिपरिया सचिव मनोज पटेल का नहीं थम रहा भ्रष्टाचारी रवैया पीसीसी रोड मांग रहा क्षमादान

Share this post

पिपरिया सचिव मनोज पटेल का नहीं थम रहा भ्रष्टाचारी रवैया पीसीसी रोड मांग रहा क्षमादान

अनूपपुर/जिले के जैतहरी जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत पिपरिया में स्थाई एवं ग्राम पंचायत हर्री के प्रभारी सचिव मनोज पटेल अपनी भ्रष्टाचारी रवैया के लिए क्षेत्र भर में जाने जाते हैं जो आए दिन समाचार पत्रों में अपनी स्वेच्छाचारी रवैया और लचर व्यवस्था के लिए सुर्खियां बटोर रहे हैं।

पीसीसी निर्माण में चल रहा भ्रष्टाचार

सचिव मनोज पटेल ग्राम पंचायत पिपरिया में लगभग 8 महीनों से स्थानांतरित होकर पहुंचे हैं परंतु पूर्व की पंचायत ग्राम पंचायत हर्री का भी प्रभार इन्हीं के पास है उसका कारण है इनकी लचर व्यवस्था हर्री पंचायत में वर्षों से स्थापित रहे परंतु वहां लाखों रुपए का गौशाला आज भी अधूरा पड़ा हुआ है और क्षेत्र की जनता शासन की जनहितकारी योजना का लाभ पाने से अभी भी वंचित है।इनका इसी तरह का स्वेच्छाचारी रवैया ग्राम पंचायत पिपरिया में भी जारी है करौंदिया टोला में पूर्व से स्वीकृत पीसीसी मार्ग का लगभग 100 मीटर का हिस्सा बचा हुआ था जिसकी लागत लगभग 3 लाख रु होगी जिसका निर्माण कार्य इनके द्वारा वर्तमान समय में कराया जा रहा है जिसमें इस कदर सचिव मनोज पटेल के द्वारा सरपंच के साथ मिलीभगत कर भ्रष्टाचार किया जा रहा है कि निचले स्तर में अभी बेश का काम किया जा रहा है और इस निर्माण कार्य में बोल्डर रेत और सीमेंट का संगम कहां पर हुआ है पता ही नहीं चलता ऐसा लग रहा है मानो निम्न कोटि के बोल्डर और डस्ट को मिलाकर के मिट्टी युक्त बालू के साथ लीपापोती की जा रही हो प्रशासकीय एवं तकनीकी प्राक्कलन का किसी भी प्रकार का पालन नहीं किया जा रहा। जैसा कि समाचार में लगाए गए फोटो से ही आकलन किया जा सकता है या यू कहना चाहिए कि इनसे पीसीसी मार्ग स्वयं क्षमादान मांग रहा है की वाह रे निर्माणकर्ता कम से कम कुछ गुणवत्ता युक्त तो निर्माण करके मेरे साथ एहतियात बरत दो। परंतु सचिव साहब हो तो किसी को बख्श दे ऐसा हो नहीं सकता।

किस आका के दम पर नहीं हो रही कार्यवाही

सचिव मनोज पटेल अपनी डींगे हांकने में भी पीछे नहीं हट रहे हैं एक तो … ऊपर से सीना जोरी श्रीमान सचिव साहब पूरे क्षेत्र में यह कहते फिरते हैं कि हम कितना भी भ्रष्टाचार कर ले कोई कितनी भी शिकायत कर ले और खबरें प्रकाशित कर ले हमारा कुछ नहीं हो सकता क्योंकि हमारे साथ हमारा आका खड़ा हुआ आखिर कौन है इनका आका जो इनको संरक्षण देकर के क्षेत्र में भ्रष्टाचार कराने में सहयोग कर रहा है और शासन से मिलने वाली जनहित की राशि को पलीता लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है।कारवाही का ना होना इंगित करता है कहीं ना कहीं इनके विभागीय अधिकारी इन समस्त अनियमितता युक्त कार्यों में लिप्त है। बता दें कि जो भी सफेदपोश इनका आका है उन्हे भी जल्द ही समझ में आ जाएगा क्योंकि विधानसभा चुनाव सर पर है इस बात का भी खुलासा खबर के माध्यम से जल्द कर दिया जाएगा कि सचिव मनोज पटेल को बचाने वाला कौन सा सफेदपोश दलाल आका बना बैठा है..?

Bhupendra Patel
Author: Bhupendra Patel

error: Content is protected !!
× How can I help you?