*यह कैसा तमाशा शिवराज ? भ्रष्टाचारियों के सिर पर सज रहा है ताज*
*घोटालेबाजों को मिल रहा है हेराफेरी का इनाम , नियमों को धता बता कर की गई हैं पदोन्नतियां*
सहकारिता विभाग में चल रही है धांधली , प्रशासन की चुप्पी सवालों के घेरे में
शहडोल। प्रदेश की शिवराज और भाजपा सरकार भले ही भ्रष्टाचार मुक्त शासन के दावे करती है लेकिन धरातल पर यदि विवेचना की जाए तो निश्चय ही सरकार के इन दावों की पोल खुल जायेगी , प्रदेश में जहां चुनाव सर पर हैं और विपक्षी कांग्रेस शिवराज सरकार में हुए घोटालों पर सरकार को पचास प्रतिशत सरकार का आरोप लगाकर जनता के बीच चुनावों में जाने की तैयारियां कर चुकी है वहीं शिवराज सरकार में निचले स्तर के कारिंदों द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार शिवराज और भाजपा की चुनावी नैया को निश्चय ही
पार नहीं लगने देंगे और जिला स्तर तथा प्रदेश स्तर पर बैठे जिम्मेदार जिस तरह से इन भ्रष्टाचारों पर अपनी आंखें बंद रखे हुए हैं जिससे कहीं न कहीं विपक्षी कांग्रेस के इन आरोपों की पुष्टि हो रही है ।
*यह है मामला*
कार्यालय जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित शहडोल के आदेश क्रमांक स्था/23-24/1052 दिनांक 22/09/2023 के तहत संभाग के शहडोल , उमरिया और अनूपपुर जिलों के विभिन्न समितियों में पदस्थ 19 प्रभारी लैंप्स प्रबंधकों को कैडर में शामिल कर प्रबंधक के पद पर पदोन्नतियां दी गई हैं , इन नियुक्तियों में धांधली के जमकर आरोप लग रहे हैं जो पूरे पदोन्नतियां प्रक्रिया पर प्रश्नचिन्ह खड़े कर रही है , इस भर्ती प्रक्रिया के पूर्व भाजपा सहकारिता प्रकोष्ठ शहडोल के जिला संयोजक राकेश मिश्रा ने विभाग में इस आशय का शिकायत पत्र सहकारिता विभाग के जिला से लेकर प्रदेश स्तर के कार्यालयों में दिए गए थे लेकिन इन शिकायतों को नजरंदाज करते हुए ये पदोन्नतियां कर दी गईं ।
*पदोन्नत किए गए कर्मचारियों पर लग चुके हैं गबन के आरोप , कइयों के खिलाफ दर्ज हैं थानों में चार सौ बीसी के मामले*
यदि सूत्रों की माने तो इन 19 पद्दोनत कर्मचारियों पर विभाग के द्वारा ही खयानात और गबन के आरोप लग चुके हैं , कुछ कर्मचारियों के विरुद्ध विभाग के द्वारा ही थानों में खयानत और गबन को लेकर थानों में प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई थी , खयानत और गबन के कर्मचारियों की पदोन्नति पूरे विभाग की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर रहा है , और विभाग के ही कुछ कर्मचारी दबी जुबान में इस पूरी पदोन्नति प्रक्रिया पर करोड़ों के लेनदेन की चर्चा कर रहे हैं जिसमे शहडोल सहकारी बैंक में पदस्थ किसी प्यासी नामक कर्मचारी की भूमिका संदिग्ध है , यदि जिला में बैठे उच्च अधिकारी आरोपों की जांच करवाएं तो सहकारी विभाग में बैठे भ्रष्टाचारियों की कलई खुलते देर नहीं लगेगी ।
शेष अगले अंक में …………………
