भेजरी धान खरीदी केंद्र में प्रबंधक सत्यनारायण पांडे किसानों से वसूल रहा अवैध पैसा लगा आरोप
मीडिया के सहयोग से मिला टोकन,बारिश से सुरक्षा की नहीं व्यवस्था
अनूपपुर/प्रदेश में भ्रषटाचार को खत्म करना अब नामुमकिन सा लग रहा है सरकार में बैठे मुखिया के चेहरे बदले पर भ्रषटाचार पर लगाम लगाने में नाकारा साबित होते हुए साफ नजर आ रहे हैं। किसान अपनी अनाज को विक्रय करने के लिए खरीदी केदो पर पहुंचते हैं जहां पर उनका शोषण खुलेआम खरीदी प्रभारी व प्रबंधकों के द्वारा किया जा रहा है खून पसीने की मेहनत से कमाया हुआ अनाज का पैसा भी बिना रिश्वत के मिल पाना मुश्किल हो रहा है।
जिला प्रशासन के चौकसी का दावा बेकार
एक मामला आदिम जाति सेवा सहकारी समिति केंद्र भेजरी का है जो अनूपपुर जिले के पुष्पराजगढ़ क्षेत्र अंतर्गत आता है जहां पर किसान ने प्रबंधक सत्यनारायण पांडे पर रुपया मांगने का आरोप लगाया है।किसान रामकुमार चंद्रवंशी ने मीडिया से मुलाकात के दौरान बताया कि पंजीयन कराते वक्त मुझसे 500 रूपये लिए थे उसके आलावा अब फिर से टोकन के बदले 500 रु की मांग की जा रही है और खरीदी केंद्र में प्रबंधक के द्वारा सिर्फ मुझसे ही नहीं अन्य सभी किसानों से पैसे की मांग की जाती है और किसान के पास रूपया नहीं होने पर लैंमप्स प्रबंधक सत्यनारायण पांडेय द्वारा टोकन न देने कि तरह तरह बहाने बताना चालू कर दिया जाता है।जब मीडिया के साथ धान खरीदी केंद्र पर किसान पहुंचा तब मीडिया के सामने भी प्रंबधक ने इधर उधर कहीं पटवारी तो कहीं पंजीयन न होना बताया लेकिन मीडिया ने जब पड़ताल की और पटवारी को फोन लगाना चालू किया तब प्रंबधक ने तुंरत किसान का टोकन काट दे दिया गया। इस तरह के हालात में जिला प्रशासन चौकसी का दावा बेकार साबित हो रहा है अगर किसान को मीडिया का सहारा ना मिला होता तो ऐसे भ्रष्ट जिम्मेदार कर्मचारियों के शोषण का शिकार होना तय होता।
बारिश से धान की सुरक्षा की नहीं व्यवस्था किसान ने मीडिया टीम का किया धन्यवाद
वर्तमान समय में इन दिनों मौसम का मिजाज कुछ बदला बदला सा लगता है बादल छाने और पानी गिरने के संभावना बनती जा रही है जिसको लेकर के धान खरीदी केंद्र प्रबंधक से सवाल किया गया तो कहते हैं कि तिरपाल है सब ठीक है जबकि पड़ताल में देखा गया कि फटे तिरपालों के सहारे प्रंबधक सत्य नारायण पांडेय की सुरक्षा और बारिश से धान के स्टाक की सुरक्षा के दावों की पोल खुल गयी। खरीदी केंद्र में चारों ओर अव्यवस्था का आलम है वहां पर जो भी धान खरीदी करके बोरों में भरी गई है उनको ढकने के लिए पर्याप्त मात्रा में तिरपाल आदि की व्यवस्था नहीं है जो कुछ है भी वह भी पूरी तरह से फटे टूटे हैं जिससे बारिश के कारण अनाज भीग कर सड़ सकता है और शासन को ऐसे स्वेच्छाचारी कर्मचारियों की वजह से नुकसान उठाना पड़ सकता है और किसान तो कृत्रिम प्राकृतिक सभी प्रकार की मार झेल ही रहा है।किसान रामकुमार चंद्रवंशी को मीडिया के सहयोग से बिना रिश्वत दिए टोकन मिल जाने एवं धान विक्रय हो जाने पर मीडिया की टीम को धन्यवाद ज्ञापित किया।
इनका कहना है
हमारे खरीदी केंद्र में पर्याप्त मात्रा में धान को ढकने के लिए टेंट तिरपाल की व्यवस्था है किसानों का आरोप गलत है।
सत्यनारायण पांडे (लैम्पस प्रबंधक भेजरी)
प्रबंधक द्वारा मुझसे ही नहीं धान खरीदी केंद्र पर आने वाले सभी किसानों से पैसे की मांग की जाती है अन्यथा इधर-उधर की बातें करके परेशान किया जाता है।
रामकुमार चंद्रवंशी (कृषक लैम्पस क्षेत्र भेजरी)