हाथी के मौत का आरोपी गिरफ्तार,क्या वन विभाग संरक्षण के लिए नहीं जिम्मेदार..?
अनूपपुर/जिले के अनूपपुर वन परिक्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत कांसा में बुधवार एवं गुरूवार की मध्य रात्रि विचरण कर रहे दो हाथियों में से एक छोटा नर हाथी की मौत ग्रामीण द्वारा लगाए गए करंट की चपेट में आने से हो गई आरोपी द्वारा घटना को छुपाने के उद्देश्य से वनविभाग एवं ग्राम पंचायत कांसा के सरपंच को गलत जानकारी दी,सूचना पर पहुंचे वनविभाग के अधिकारियों के निर्देश पर संभाग मुख्यालय शहडोल से बुलाए गए डांग एस्कॉवयड जिमि द्वारा परीक्षण के दौरान लालजी कोल पिता हरदीन कोल को कई बार इंगित किये जाने पर लालजी से प्रारंभिक गहन पूछताछ दौरान उसने अपने खेत में लगे फसलों को बचाने के उद्देश्य घर से कुछ दूर पर स्थित ट्रांसफार्मर के पास से एल,टी,लाइन एवं अन्य तार को जोड़ कर खेत के आसपास देर रात लकड़ी के खूटे से बांध कर करंट फैलाने की बात कही,आरोपी के विरुद्ध वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के शिकार से संबंधित धाराओं के तहत वन अपराध दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया गया है।हाथी के शव का परीक्षण शुक्रवार को किया जाकर दफनाया गया।इस दौरान संभाग मुख्यालय शहडोल के मुख्य वन संरक्षक एल,एल,उईके,वन मंडलाधिकारी अनूपपुर एस,के,प्रजापति,संजय टाइगर रिजर्व सीधी एवं मुकुंदपुर रीवा पार्क से दो डॉक्टरों का दल कार्यवाही हेतु घटना स्थल मौजूद रहे। वर्तमान में दूसरा हाथी का जोड़ा पंगना की ओर एवं एक छोटा हाथी रोहिल्ला कछार केवटार की ओर विचरण विश्राम कर रहे हैं।
वन विभाग की क्या जिम्मेदारी
विगत कई दिनों से हाथियों का दल क्षेत्र में भ्रमण कर रहा है और इनके द्वारा आए दिन ग्रामीणों का नुकसान किया जाता रहा है कभी घर तोड़कर फसल खाना कभी खेतों में लगे अनाज को नुकसान करना और कभी जनहानि ही पहुंचना यह प्रक्रिया लगातार देखने को मिलती रही है और इसका अंदाजा और जानकारी वन विभाग के कर्मचारी और अधिकारियों को बराबर मिलती रही है इसके बावजूद भी वन अमला के द्वारा किसी भी प्रकार की वन्य जीव को संरक्षित करने हेतु कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया और ना ही इन्हें बसाहट वाली क्षेत्र से किसी प्रकार से आधुनिक वन्य जीव संरक्षण वस्तुओं से यथा उचित जंगल वाली क्षेत्र में भेजने का भी प्रयास नहीं किया गया कहीं ना कहीं उक्त बेजुबान वन्य जीव के दर्दनाक मौत का कारण वन विभाग भी जिम्मेदार होता है।