पुलिस अधिकारी बनकर बेटे को बचाने बाप का चेप दिए 3 लाख 60 हजार रूपए
साइबर अपराध के बढ़ते क्रेज पर सावधानी बरतने एएसपी की सलाह
अनूपपुर/आवेदक कमलेश कुमार ताम्रकार निवासी वार्ड नंबर 8 मेंन मार्केट जैतहरी जिला अनूपपुर आज दिनांक 01/05/2024 को पुलिस अधीक्षक कार्यालय अनूपपुर उपस्थित आकर इस आशय का शिकायत पत्र प्रस्तुत किया है कि दिनांक 30/04/2024 के 11:00 बजे दो अज्ञात मोबाइल नंबर +923442224195 एवं +923271799438 से व्हाट्सएप कॉल के माध्यम से बोला गया कि आपके बेटे अबिन ताम्रकार को रेप केस में पकड़ लिया गया है आपका बेटा पुलिस रिमांड में है। मेरे बेटे का फर्जी आवाज सुनाया गया, जिसमें मेरा बेटा बार-बार बोल रहा था कि पापा मेरे को बचा लो उसे अज्ञात व्यक्ति द्वारा बोला गया कि हम आपके बेटे को जेल जाने से बचा लेंगे इस प्रकार से धोखाधड़ी करते हुए यूपीआई के माध्यम से विभिन्न खातों में 3,60,000/ – रु जमा करवा लिया गया है।
उक्त शिकायत को अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनूपपुर द्वारा गंभीरता से लेते हुए साइबर सेल अनूपपुर को त्वरित कार्रवाई हेतु निर्देशित किया गया था जिस पर साइबर सेल अनूपपुर के द्वारा आरोपियों के समस्त खातों को फ्रीज करते हुए, आरोपियों के संबंध में विस्तृत जानकारी प्राप्त की जा रही है।
शिकायत के संबंध में जानकारी देते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महोदय अनूपपुर द्वारा बताया गया कि यह एक विशेष प्रकार का अपराध है जो वर्तमान में देखने को मिल रहा है जिसमें आपके बच्चे जो आपसे दूर शहर में पढ़ाई कर रहे हैं उनको किसी अपराध में पुलिस द्वारा गिरफ्तार करने की बात कह कर लोगों से पैसों की ठगी की जा रही है।
ऐसे अपराधियों का कार्य प्रणाली
ऐसे माता-पिता जिनके बच्चे विदेश में या उनसे दूर किसी बड़े शहर में पढ़ाई करते हैं उन्हें साइबर जल साजों द्वारा कॉल किया जाता है कि वह कोई पुलिस अधिकारी या वकील है ।जो उसे क्षेत्र के पुलिस थाने से बात कर रहे हैं जहां आपका बच्चा पढ़ाई कर रहा है तथा आपके बच्चे को एक बड़े कैस में जैसे बलात्कार,मर्डर या नारकोटिक्स आदि में गिरफ्तार किया गया है । जालसाज कहते हैं कि अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है यदि आप उसे बचाना चाहते हो तो उसके द्वारा बताई गई राशि किसी खाते में या यूपीआई के माध्यम से भेज दें। अधिकांशत बच्चे कॉलेज या कोचिंग में व्यस्त होने के कारण उसे दौरान कॉल नहीं उठाते और माता-पिता को लगता है कि उनके बच्चे के साथ वाकई में कोई घटना घटित हो गई है। इसके अतिरिक्त जालसाजो द्वारा नवीन तकनीकों जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग कर बच्चों की आवाज कॉल पर सुनाई जाती है । जिसको सुनकर माता-पिता को विश्वास हो जाता है कि उनके बच्चों को वाकई किसी पुलिस अधिकारी ने पकड़ रखा है और वह उसे संदिग्ध व्यक्ति जो स्वयं को पुलिस अधिकारी या वकील बताता है को बड़ी राशि ट्रांसफर कर देते हैं इस प्रकार आपसे आपके खाते में उपलब्ध अच्छी खासी रकम जमा करा ली जाती है।
सावधानियां
1.अनजान नंबर से आने वाले कॉल व्हाट्सएप कॉल वीडियो कॉल टेलीग्राम कॉल ना उठाएं विशेषता जो नंबर +92 से शुरू होते हैं। 02. अनजान व्यक्तियों पर सामान्य तौर पर विश्वास ना करें ,उन्हें अपने परिवार एवं बच्चों संबंधी जानकारी ना दें, हो सकता है वह आपके परिवार की जानकारी प्राप्त कर आपको परेशान करें। 3. परिवार का कोई व्यक्ति, बच्चा यदि पढ़ाई,नौकरी हेतु किसी अन्य शहर में जाते हैं तो संबंधित स्कूल,कॉलेज, कोचिंग,संस्थान,कार्यस्थल एवं उस क्षेत्र के थाने का नंबर अपने पास रखें। जिससे किसी घटना होने पर उनसे संपर्क अथवा वेरीफाई किया जा सके।4. यदि कोई व्यक्ति कॉल पर स्वयं को पुलिस अधिकारी या वकील बता रहा है तो एकदम उसकी बात का विश्वास ना करें।5. यदि आपके साथ कोई साइबर अपराध घटित होता है तो उसकी शिकायत अपने नजदीकी पुलिस थाने में या www.cybercrime.gov.in या साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर टोल फ्री 1930 पर करें।