गिरवा के जंगल से बोरे में भरकर गौ मांस की तस्करी बेखौफ जारी फिरोज,वाजिद और बल्लू है गौ मांस और हड्डी तस्करी के मुख्य सरगना

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गिरवा के जंगल से बोरे में भरकर गौ मांस की तस्करी बेखौफ जारी

फिरोज,वाजिद और बल्लू है गौ मांस और हड्डी तस्करी के मुख्य सरगना

शहड़ोल/अनूपपुर/संभागीय जिले के केशवाही एवं अनूपपुर जिले की सीमा से लगे हुए ग्राम पंचायत गिरवा गांव के जंगलो में इनदिनों पशुओं को काटने का काम बेख़ौफ़ जारी है यहां तस्करों के गुर्गे जिंदा गायों को काट कर गौ मांस सभी जगह तस्करी करते हुए लाने ले जाने का काम करते है, एक बाइक में गौ मांस तस्कर बोरे में ले जाया जा रहा था जिसे कुछ लोगो ने धर दबोचा लेकिन तस्कर बोरे में रखा गौ मांस कई क्विंटल की वजन होने से अनियंत्रित होकर गिर पड़ा गिरते ही बोरे से मांस का टुकड़ा गिर गया । मांस को लेकर जाने वाला व्यक्ति धमकी देने लगा और वहाँ से मांस लेकर फरार हो गया।

क्या है मामला..?

जानकारी मिली कि मांस ले जाने व्यक्ति का नाम नवल हैं ये खम्हीडोल का रहने वाला है और गौमांस ला ला कर केशवाही क्षेत्र के फहीम को दिया जाता हैं वह गौ मांस को पैकेट बनाकर शहडोल अनूपपुर जिलों के गांव शहर में गौ मांस खाने वाले लोगों के घर अपने लोगों से डिलीवरी करवाता हैं।

फिरोज है गौ हड्डियों का सौदागर

फिरोज हड्डियों का सौदा व्यापार करता है और पचासों क्विटल हड्डियां कंपनी को बेचता है, कंपनी द्वारा कई प्रकार की प्रोडक्ट बनाने के लिए पशुओं के हड्डियों का उपयोग किया जाता है पशुओं की हड्डियों से जेलाटिन निकाला जाता है, जो खाने की वस्तुओं, फार्मास्यूटिकल्स और कॉस्मेटिक्स में उपयोग होता है फार्मास्यूटिकल्स हड्डियों से निकाले गए तत्वों का उपयोग दवाओं में होता है जैसे कि कैल्शियम और फॉस्फोरस की गोलियाँ कॉस्मेटिक्स: हड्डियों से निकाले गए तत्वों का उपयोग सौंदर्य प्रसाधनों में होता है, जैसे कि त्वचा क्रीम और शैंपू में पशुओं की हड्डियों का उपयोग विभिन्न उद्योगों में भी होता हैं।

वाजिद है पशु तस्करी का सरगना

अनूपपुर जिला से फुनगा खूंटा टोला निगौरा वेंकटनगर बदरा कोतमा राजनगर जैसे कई गांवों से करवाता है पशुओं की चोरी और किया जाता है तस्करी शहडोल जिला अंतर्गत गिरवा मलाया बिछिया अतरिया केशवाही जैतपुर अमलाई बटूरा जैतपुर भटिया भैंसाताल के गांव गांव और शहर तक जहां जहां पशु दिखते है वहां चोरी कर या खरीदारी कर उनको पिकअप ट्रकों में लोडिंग कर के केशवाही के जंगलो में एकत्रित किया जाता हैं फिर साम होते ही एकत्रित जंगलों में गाड़िया लगनी चालू हो जाती हैं पशुओं के हाथ पैर बांध कर लोडिंग अनलोडिंग का काम चालू हो जाता हैं। अल्ताफ कुरेशी उर्फ बल्लू जिसके इशारे पर प्रतिदिन होता है इन जगहों से तस्कर और गाड़ियों का आवागमन।फुंनगा केशवाही से जैतपुर गोहपारु जयसिंहनगर थानों के जांच चौकी सीमा क्षेत्र होते हुए जबलपुर नागपुर कानपुर गाड़ियों को पार किया जाता है प्रतिदिन मासूम बेजुबान जानवरों को पिकअप और ट्रकों के माध्यम से बीफ खानो तक पहुंचाने का बल्लू करता हैं काम।

Bhupendra Patel
Author: Bhupendra Patel

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