झूंठी शिकायतों पर यदि उच्चाधिकारी करेंगे लाइन हाजिर तो पुलिस कर्मियों का गिरेगा मनोबल
पुलिस कप्तान से हुई जुआरियों को छोड़ने की झूंठी शिकायत तीन पुलिस कर्मी हुए लाइन हाजिर.?
कोतमा। पुलिस विभाग का काम जोखिम व चुनौती पूर्ण काम है। पुलिस कर्मी यदि ईमानदारी से काम करे तो मुश्किल न करे तो मुश्किल उसपर भी यदि कोई पुलिस कर्मी यदि ईमानदारी से अपनी ड्यूटी कर रहे हो तो उनपर कहीं नेताओ का दवाव तो कही माफियाओं का तो कहीं मीडिया कर्मियों का दवाव हमेसा बना रहता है। उसपर यदि बिना तथ्यों के जानकारी के कोई झूंठी खबर प्रकाशित कर उच्चाधिकारियों के कान भरकर झूंठी शिकायत के आधार पर पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर करवाकर अपनी खबर की वाहवाही लुटे तो ऐसे में पुलिस कर्मियों का भी मीडिया से भरोसा उठता है साथ ही विभाग के अधिकारियों द्वारा बिना जांच के की गई कार्यवाही से पुलिसकर्मियों का मनोबल गिरता है। एक ऐसी ही घटना फिलहाल कोतमा थाने में सुर्खियों पर चल रही है। जिसको लेकर कोतमा थाने का हर पुलिस कर्मी आरक्षकों पर हुई लाइन हाजिर की कार्यवाही को गलत बता रहे हैं। बहरहाल पुलिस कप्तान मोती उर रहमान द्वारा तीन पुलिसकर्मियों पर की गई लाइन हाजिर की कार्यवाही पर शिकायत की सच्चाई जानकर हकीकत की जांचकर उन तीन पुलिसकर्मियों को यथा स्थान बहाल करना चाहिए ताकि पुलिसकर्मियों का सम्मान बना रहे व विभाग के कार्यो के प्रति आरक्षकों का समर्पण बना रहे। अन्यथा इस तरह की झूंठी शिकायतों पर यदि यूंही कार्यवाही होती रही तो कोई पुलिसकर्मी विभाग का काम ही क्यूं करेगा।
*क्या है मामला।*
मामला गुरुवार 12 दिसम्बर 2024 की दरम्यानी रांत लगभग 12 बजे का है। जहां बसखला रोड में स्थित एक ढाबा के आगे जुए फड़ की शिकायत थाना प्रभारी कोतमा सुंदरेश मरावी को मिली। मामले की सूचना पर तत्काल संज्ञान लेते हुए थाना प्रभारी कोतमा ने नाइट ड्यूटी में लगी गस्त टीम के प्रधान आरक्षक राम यादव, वाहन चालक दिनेश किराड़े व सायबर आरक्षक चक्रधर तिवारी को सुचना की जांच करने मौका स्थल पर जाने निर्देश दिए। मामले की सूचना पर जब पुलिसकर्मी रीवा हाउस के पास स्थित एक खलिहान में पहुंचे तो मौका स्थल पर 5 से 6 लोग आग तापते व शराब पीते नजर आए। मौके पर पहुंचे पुलिस कर्मियों ने जुआ खेलने की सूचना की बात कही जिसपर उपस्थित सभी लोगो ने अपनी तलाशी देने को तैयार हो गए व सिर्फ शराब पीने की बात पर पुलिस कर्मी उन्हें कोतमा थाने ले आये व थाना प्रभारी को अवगत कराएं। थाना प्रभारी कोतमा ने न ताश के पत्ते बरामद होने और न नगदी जप्ती होने पर सभी लोगो को थाने से छोड़ दिये। व पुलिस कर्मियों ने रोजनामचे में सूचना स्थल पर रवानगी व वापसी की सूचना दर्ज कर दिए।
*पुलिस कर्मियों को बदनाम करने की आखिर किसने रची साजिश*
उक्त मामले को लेकर दूसरे दिन एक प्रतिष्टित समाचार पत्र में पुलिसकर्मियों द्वारा जुआ फड़ पर छापा व लूट की बिना तथ्यों की एक खबर प्रकाशित की गई व पुलिस कप्तान से तीन पुलिस कर्मी प्रधान आरक्षक राम यादव, वाहन चालक दिनेश किराड़े व सायबर कर्मी आरक्षक चक्रधर तिवारी की शिकायत पुलिस कप्तान मोती उर रहमान से की गई। जिसपर पुलिस कप्तान के निर्देश पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मो, इसरार मंसूरी ने तीनों पुलिस कर्मियों को लाइन हाजिर के निर्देश जारी कर दिए।बहरहाल कोतमा थानांतर्गत यदि बीते 6 महीने का रिकॉर्ड उठाया जाए तो चाहे उच्चाधिकारियों के निदेश पर चाहे पशु तश्करी की कार्यवाही हो या रेत तश्करी की कार्यवाही हो,या गांजा तश्करी की कार्यवाही हो या कबाड़ पर कार्यवाही हो या डीजल चोरी की कार्यवाही हो या शराब तश्करी पर कार्यवाही हो या कोकीन चरस की जप्ती की कार्यवाही हो या जुआ फड़ पर छापा या सट्टे पर धरपकड़ की कार्यवाही हो हर कार्यवाही में इन तीनो पुलिस कर्मियों द्वारा की गई ताबड़तोड़ कार्यवाही से जहां अपराधियो के हौसले पस्त हुए हैं। व अपराधों पर अंकुश लगा है। वही अपराधियो की दलाली करने वाले कुछ चाटुकारों की जेब खर्च में भी कमी आयी है। जिस कारण कहीं न कहीं एक साजिश के तहत भ्रामक जानकारी पर बिना तथ्यों के खबर प्रकाशित कर इन तीनो पुलिस कर्मियों को बदनाम करने की योजनाबद्ध तरीके से पुलिस कप्तान से झूंठी शिकायत की गई।
*जुआ फड़ पर लूट की खबर कितनी सच कितनी झूंठ*
उक्त मामले जब कुछ मीडिया कर्मियों ने हकीकत जानने का प्रयास किया तो कहानी कुछ और ही नजर आयी। दरअसल रीवा हाउस के मालिक सुशील पांडे ने यह बात कही की मेरे खलिहान में मेरे मजदूर रहते हैं। व कुछ मित्र अक्सर आते हैं जहां रांत में खाना पीना करते हैं। चूंकि सभी व्यवसायी व अच्छे घरों से है और मेरे मित्र है। तो हंसी मजाक खाना पीना कर सब अपने घर चले जाते हैं। गुरुवार की रांत भी मेरे 4 मित्र मेरे खलिहान में बैठकर खाना पीना कर रहे थे। मैँ अपने घर मे था तभी कोतमा पुलिस पहुंची व सबको थाना ले गईं। मेरे पास फोन आया की ऐसी ऐसी बात है। तो मैँ ढाबा मालिक प्रकाश शुक्ला के साथ थाने पहुंचा व पुलिस वालों से निवेदन किया कि अपने घर मे बैठकर क्या शराब पीना भी अपराध है। थाना प्रभारी कोतमा से निवेदन करने पर सभी लोगो को तत्काल ही थाने से छोड़ दिया गया। मगर दूसरे दिन जब अखबार की खबर पढा तो पूरा मामला ही मनगढ़ंत छापा गया। जिसकी शिकायत भी संजय केशरवानी ने थाना कोतमा से की है। व पुलिस अधीक्षक के पास भी हम लोग शिकायत लेकर जाएंगे। झूंठी खबर छापकर हमे बदनाम करने की कोशिश की गई है।