शहडोल=युवा संगम कार्यक्रम भारत सरकार की एक पहल है, जिसका उद्देश्य “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” की भावना को सुदृढ़ करना है। इस कार्यक्रम के तहत देश के विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के युवाओं को आपस में जोड़कर सांस्कृतिक, सामाजिक, और भावनात्मक एकता को बढ़ावा दिया जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 31 अक्टूबर वर्ष 2015 को सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित एक कार्यक्रम के तहत इसकी नींव रखी थी। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य युवाओं को भारत की विविधता और सांस्कृतिक धरोहर के अनुभव के माध्यम से राष्ट्रीय एकता और अखंडता को मजबूत करना है। यह उन्हें विभिन्न संस्कृतियों, भाषाओं, परंपराओं और विकास के पहलुओं को समझने और अपनाने का अवसर प्रदान करता है। युवा अपने भ्रमण के दौरान स्थानीय शिक्षा संस्थानों का दौरा करते हैं। सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेते हैं। ऐतिहासिक स्थलों और धरोहर स्थलों का भ्रमण करते हैं। क्षेत्रीय हस्तशिल्प, संगीत, और व्यंजन को समझने का अनुभव प्राप्त करते हैं।सामाजिक संवाद के अंतर्गत कार्यक्रम युवाओं को विभिन्न भाषाओं और जीवनशैलियों के प्रति संवेदनशीलता विकसित करने और सामाजिक समरसता को प्रोत्साहित करने में मदद करता है। युवा संगम कार्यक्रम के तहत, 1000 से अधिक युवाओं को विभिन्न राज्यों में एक-दूसरे से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया। इसमें छात्रों, शिक्षकों, और विभिन्न संगठनों को शामिल किया गया जिसमें विभिन्न राज्यों के विश्वविद्यालय और तकनीकी संस्थान कार्यक्रम का हिस्सा बने। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण में युवा संगम का विशेष महत्व है। वे इसे देश के युवाओं को एकजुट करने और राष्ट्रीय एकता को प्रोत्साहित करने का एक सशक्त माध्यम मानते हैं। मोदी जी के विचारों में युवा संगम का उद्देश्य सिर्फ सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक आदान-प्रदान तक सीमित नहीं है, बल्कि यह देश के विकास, नवाचार, और आत्मनिर्भरता के लिए युवाओं की ऊर्जा को एकीकृत करने का भी माध्यम है।
एक भारत श्रेष्ठ भारत में की संकल्पना में युवा संगम के माध्यम से क्षेत्रीय असमानताओं को कम किया जा सकता है। सांस्कृतिक सहयोग और आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलता है तथा भविष्य के नेतृत्व के लिए युवाओं को तैयार किया जाता है जिससे राष्ट्रीय चेतना और एकता का विकास होता है।
युवा संगम “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” की संकल्पना को जमीन पर उतारने का एक सशक्त साधन है, जो भारत को सामाजिक, सांस्कृतिक, और आर्थिक दृष्टि से मजबूत बनाता है।
प्रधानमंत्री का मानना है कि भारत को वैश्विक स्तर पर मजबूत बनाने के लिए युवाओं का सक्रिय योगदान आवश्यक है। युवा संगम उन्हें इस दिशा में कार्य करने के लिए प्रेरित करता है।
प्रधानमंत्री मोदी का यह दृष्टिकोण युवा संगम को केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक आंदोलन के रूप में देखता है, जो भारत की युवा शक्ति को सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ाने में सहायक है।
निशांत कुमार मिश्रा
युवा संगम प्रतिभागी
