अनूपपुर/वरिष्ठ समाजसेवी एवं उत्कृष्ट शिक्षाविद जितेंद्र सिंह निवासी वार्ड नंबर 11 नगर परिषद जैतहरी जिला अनूपपुर मध्य प्रदेश के द्वारा मध्य प्रदेश के पिछड़े वर्ग की बेटी रंजीता साहू शिक्षिका शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय धमोरा जिला छतरपुर को दिग्विजय सिंह सरकार के औरंगजेबीय काला कानून के तहत तीसरे बच्चे के पैदा होने पर बर्खास्तगी आदेश निरस्त किए जाने हेतु महामहिम राष्ट्रपति भारत सरकार द्रौपदी मुर्मू,महामहिम राज्यपाल मंगू भाई पटेल मध्य प्रदेश शासन एवं माननीय मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव मध्य प्रदेश शासन भोपाल को न्याय दिए जाने हेतु दिनांक 7 अप्रैल 2025 को पत्र लेख किया है।
मामले के विषय में जानकारी
समाजसेवी जितेंद्र सिंह ने पत्र में लेख किया है कि मध्य प्रदेश के पिछड़े वर्ग की बेटी रंजीता साहू शिक्षिका शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय धमोरा जिला छतरपुर की संयुक्त संचालक लोक शिक्षण विभाग सागर द्वारा बर्खास्तगी आदेश जारी किया गया है जिसकी जानकारी मुझे एक प्रतिष्ठित समाचार पत्र के माध्यम से प्राप्त हुई यह समाचार सुनकर मैं अत्यंत दुखी हुआ कि एक तो बेटियों को रोजगार नहीं मिलता और मिली भी तो इस सनातन धर्म संसार सागर में तीसरी संतान ने जन्म ले लिया तो ऐसा प्रतीत हुआ कि तीसरा बच्चा पैदा करके सबसे बड़ा पाप इस मध्य प्रदेश की बेटी ने किया और बर्खास्तगी जैसा कठोर निर्णय संयुक्त संचालक लोक शिक्षण विभाग सागर संभाग द्वारा लिया गया जो कि सिर्फ पीड़ा दायक ही नहीं बल्कि सनातन धर्मी राष्ट्र में दयालुता के करुण अंत को दर्शाता है। मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह जी द्वारा वर्ष 2001 में पंचायती राज तथा सरकारी विभागों में औरंगजेबीय काला कानून लागू किया गया कि तीसरा बच्चा कर्मचारियों के लिए वर्जित है ऐसा क्रूरता पूर्ण निर्णय तत्कालीन औरंगजेबीय सरकार द्वारा लिया गया जो की निंदनीय तथा भर्त्सना योग्य है। साथ ही पंचायती राज प्रणाली में भी लागू किया गया था किंतु पंचायती राज प्रणाली में नियम प्रभावित रहा वर्ष 2001 में कर्मचारी विरोधी कई निर्णय तत्कालीन शासन द्वारा कर्मचारियों को शत्रु मानते हुए तथा औरंगजेबीय मानसिकता के कारण दिए गए थे।
भाजपा सरकार बनी तारणहार
वर्ष 2003 में तारणहार बनकर भारतीय जनता पार्टी की सरकार सत्ता सीन हुई यह मध्य प्रदेश के कर्मचारियों का सौभाग्य कहिए या मध्य प्रदेश की जनता का सौभाग्य। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कर्मचारी हितैषी निर्णय लेकर कर्मचारी जगत में ऑक्सीजन के रूप में कार्य किया। तत्कालीन दिग्विजय सिंह की सरकार के औरंगजेबीय काला कानून जैसे 60 वर्ष से 58 वर्ष किए गए रिटायरमेंट आयु को बढ़ाकर 62 वर्ष किया गया कि सरकार द्वारा बंद किए गए अनुकंपा नियुक्त को पुन: प्रारंभ कर कर्मचारियों के आश्रितों एवं उत्तराधिकारियों को शासकीय सेवा प्रदान की गई एवं सबसे ज्यादा अनुकरणीय श्री शिवराज सिंह चौहान की दयालुता वहां उजागर हुई जब पुराने अनुकंपा नियुक्ति के प्रावधान को संशोधित कर आदेश दिए कि किसी भी कर्मचारी की मृत्यु के उपरांत अनुकंपा नियुक्ति शादीशुदा बेटियों को भी प्रदान की जाएगी ऐसा निर्णय बेटियों को बड़ी राहत प्रदान किया था। भारतीय जनता पार्टी की सरकार सनातनी सरकार बहन बेटियों के रक्षा के लिए उनके भविष्य के लिए अनेक योजनाओं को लागू कर चुकी है बेटी के जन्म से लेकर पढ़ाई यहां तक की विवाह की भी जिम्मेदारी सरकार द्वारा निभाई जाती है इस करुणामई भाजपा सरकार में दिग्विजय के सरकार के औरंगजेबीय काला कानून के कारण मध्य प्रदेश के पिछड़े वर्ग की बेटी को बर्खास्त किया जाना सरकार के संवेदन शीलता पर प्रश्न चिन्ह खड़ा कर रहा है क्या संयुक्त संचालक लोक शिक्षण सागर संभाग दिग्विजय सरकार के द्वारा निर्मित औरंगजेबबीय काला कानून का भक्त है भारतीय संविधान के तहत अभी जनसंख्या नियंत्रण कानून भारत देश में लागू नहीं है मेरा एक निवेदन यह है कि जब कोई कानून नहीं बना है तो एक बेटी को ऐसा कठोर निर्णय दिया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है।
न्याय दिए जाने हेतु विशेष प्रार्थना
महामहिम एवं माननीय जी मैं प्रार्थना की गुहार मध्य प्रदेश के पिछड़े वर्ग की एक बेटी के भविष्य के लिए लगाते हुए दया की भीख मांग रहा हूं कि दिग्विजय सिंह सरकार के समय में औरंगजेबीय काला कानून के तहत एक शिक्षिका बेटी रंजीता साहू को संयुक्त संचालक द्वारा बर्खास्तगी के कठोर निर्णय को समाप्त करते हुए आदेश लोक शिक्षण आयुक्त मध्यप्रदेश भोपाल को निर्देशित करने की दया करें एवं माननीय मुख्यमंत्री जी आपसे दया की गुहार है कि इस बेटी के संबंध में न्याय की गुहार लगा रहा हूं कृपया तत्काल इसे संज्ञान में लेकर दिग्विजय सरकार के औरंगज़ेबीय काला कानून को तत्काल समाप्त करते हुए मध्य प्रदेश की बेटी को संरक्षण प्रदान करने की दया करें।
