भागवत कथा वाचक के साथ घृणित घटना के विरोध में यादव महासभा ने सौंपा ज्ञापन

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अनूपपुर/उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में भागवत कथा वाचक मुकुटमणि यादव और उनके साथियों के साथ घटित हुई घृणित और अमानवीय जातिगत घटना ने न केवल स्थानीय जनमानस को झकझोर दिया है, बल्कि पूरे देशभर के यादव समुदाय में गहरा रोष उत्पन्न कर दिया है। इस घटनाक्रम के विरोध में अखिल भारतवर्षीय यादव महासभा की जिला अनूपपुर इकाई ने एक ठोस और सशक्त ज्ञापन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित केंद्र सरकार के शीर्ष नेताओं और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को सौंपा है।

 

ज्ञापन का मामला और उद्देश्य

 

ज्ञापन के माध्यम से महासभा ने इस बात पर गहरी चिंता व्यक्त की है कि 21वीं सदी के आधुनिक लोकतांत्रिक भारत में भी जातिगत घृणा और मानसिक विषाक्तता इस हद तक व्याप्त है कि कोई व्यक्ति केवल अपनी जाति के कारण सार्वजनिक रूप से अपमानित किया जा सकता है। दादरपुर गाँव (बकेवर थाना क्षेत्र, जिला इटावा) में 22 जून 2025 को हुई यह घटना, जिसमें कथा वाचक मुकुटमणि यादव के साथ न सिर्फ मारपीट की गई, बल्कि जबरन उनका शिर मुंडन कराया गया, नाक रगड़वाई गई और तथाकथित ‘शुद्धिकरण’ के नाम पर उन पर ब्राह्मणी मूत्र डाला गया भारतीय सभ्यता, संविधान और मानवता पर एक भयानक धब्बा है।इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर प्रचारित करना न केवल पीड़ित के लिए बल्कि पूरे यादव समाज के लिए अत्यंत अपमानजनक और पीड़ादायक रहा।यह घटना केवल एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि एक पूरे समुदाय के आत्मसम्मान पर हमला है। महासभा ने इस ज्ञापन में कहा है कि यह घटनाक्रम न केवल भारतीय संविधान की भावना के खिलाफ है, बल्कि यह सामाजिक समरसता, सांप्रदायिक सौहार्द और भाईचारे के ताने-बाने को तार-तार करने वाला अपराध है।

 

 

यह ज्ञापन देश के शीर्ष नेतृत्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह,गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष हंसराज अहीर, और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ — को प्रेषित किया गया है, जिसमें इस पूरे घटनाक्रम की निष्पक्ष न्यायिक जांच, पीड़ितों को सुरक्षा व सम्मान, और दोषियों को कठोरतम दंड दिए जाने की मांग की गई है। ज्ञापन सौंपने के दौरान यादव समाज के कई वरिष्ठ, युवा और सामाजिक कार्यकर्ता भारी संख्या में उपस्थित रहे। उनका कहना था कि यह घटना समूचे भारत के सामाजिक ताने-बाने को चुनौती देने वाली है और यदि अब भी सरकारें चुप रहीं, तो यह चुप्पी इतिहास के पन्नों में एक कायरता के रूप में दर्ज की जाएगी।

APR NEWS
Author: APR NEWS

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