धर्मांतरण के मामले में प्रदेश की कांग्रेस सरकार गंभीर नहीं:विरेन्द्र साहू, कवर्धा सहित पूरे प्रदेश में चल रही है धर्मांतरण की दुकाने, सरकार मौन

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कवर्धा। बैगा आदिवासी बाहुल्य छत्तीसगढ़ राज्य के नारायणपुर जिला मुख्यालय में बीते सोमवार को धर्मांतरण को लेकर हुई हिंसात्मक घटना प्रदेश सरकार की नाकामी और गैर जिम्मेदारी का नतीजा है। प्रदेश की कांग्रेस सरकार धर्मांतरण को लेकर जरा भी गंभीर नहीं, लगातार की आपत्ति तथा शिकवा शिकायत के बाद भी कांग्रेस सरकार इसे मूक समर्थन दे रही है जिसे लेकर हिन्दू समाज में आक्रोश व्याप्त है और अब तो पानी सिर से ऊपर होते जा रहा है और लोग अपना आपा तक खो रहे हैं। उक्त बातें जिला भाजपा के महामंत्री एवं जनपद पंचायत कवर्धा के उपाध्यक्ष विरेन्द्र साहू ने जारी बयान में कहीं। उन्होने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में जब से कांग्रेस की सरकार आई है मिशनरी का दायरा बढ़ रहा है और मिशनरी संचालक खुलेआम पूरे प्रदेश के बैगा आदिवासी बाहुल्य ईलाकों से लेकर शहरी क्षेत्रों तक में धर्मांतरण की दुकाने चला रहे हैं। श्री साहू ने कहा कि इससे कबीरधाम जिला भी अछूता नहीं है। कबीरधाम जिले के भी विकासखण्ड बोड़ला तथा पंडरिया क्षेत्र के बैगा आदिवासी बाहुल्य ग्रामों में बीते चार वर्षो के दौरान दर्जनों की संख्या में धर्मांतरण की नई दुकाने खोली गई हैं और यहां प्रर्थना सभा के नाम पर भोलेभाले बैगा आदिवासियों को प्रलोभन देकर बुलाया जा रहा है तथा उन्हें धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित किया जा रहा है। जिसेे लेकर कई बार आपत्ति दर्ज कराई जा चुकी है लेकिन शासन प्रशासन द्वारा इस पर गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है। जिसके चलते पूर्व में पंडरिया विकासखण्ड के ग्रामीण अंचलों में संचालित धर्मातरण की दुकानो में भी नारायणपुर जिले की तर्ज पर तोडफोड़ तथा मारपीट के मामले सामने आ चुके हैं। श्री साहू ने शासन प्रशासन से मांग की है कि जांच कर इस बात का पता लाया जाए कि बीते चार वर्षो के दौरान कबीरधाम जिले सहित प्रदेश भर में समाज विशेष के कितने नए प्रार्थना स्थल प्रारंभ हुए हैं और इनमें किस प्रकार की गतिविधियां संचालित की जा रही है और अब तक कितने लोगों का धर्मातरण कराया जा चुका है। *नारायणपुर की घटना सरकार की नाकामी व अनदेखी का नतीजा* श्री साहू ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश के नारायणपुर में सोमवार को धर्मांतरण के विरोध में घटित घटना सरकार की नाकामी और अनदेखी का नतीजा है। अगर सरकार ने समय रहते प्रदेश में लगातार फलफूल रही मिशनरी पर लगाम लगाते हुए धर्मांतरण की दुकानों के खिलाफ ठोस कार्यवाही की होती तो आज यह नौबत नहीं आती। उन्होने कहा कि सरकार को पूरे प्रदेश के हर जिले में इस तरह की गतिविधियों पर नजर रखते हुए ठोस कार्यवाही करनी चाहिए, ताकि लोगों के आक्रोश और धर्मांतरण को रोका जा सके।

Ved Sahu
Author: Ved Sahu

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