राजनीतिक संरक्षण में नगर के लिए सिऱ दर्द बना प्रॉपर्टी डीलर राजा तिवारी? पढ़े राजकमल पाण्डेय की रिपोर्ट

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अनूपपुर/ यूँ तो राजा तिवारी के विरुद्ध अवैध भूमि बिक्री करने के कई मामले थाने से लेकर कोर्ट तक में जा चुके हैं। लेकिन कभी क़ानून से कबड्डी खेल कर तो कभी राजनीतिक संरक्षण पर भूमि का

 

हेरफेर वर्षो से खेल रहा है। ऐसा ही एक मामला आज दिनांक को प्रकाश में आया है, जहाँ सरकारी रिकॉर्ड में मौजूद बरसाती नाला जिसे जिंदा नाला भी कहा जाता है, जिस पर अवैध तरीके से कब्जा कर बिक्री करने की तैयारी है। जिला मुख्यालय के अंतर्गत भू माफिया राजा तिवारी की नजर में ऐसी कई जमीने हैं जो निगाह में लटक रही हैं। और सरकारी नालों से लेकर पट्टे की भूमि तक राजा तिवारी से बची नहीं है। ऐसी ही एक भूमि सरकारी नालों से लगी हुई है जिस पर राजा तिवारी के द्वारा बरसाती नाले को भरने का काम कर रहा है। जिस पर सरकारी नाले में कब्जे कराने के लिए बकायदा पुलिस की उपस्थिति भी विद्यामान है।

 

यह है मामला

 

जिला मुख्यालय से सटे ग्राम पंचायत परसवार व ग्राम पंचायत दुलहरा के सकरिया की सीमा में मौजूद कोईलारी नाला को लेकर बीते 2 दिनों से विवाद चल रहा है। जिसमें पहले पक्ष के द्वारा कोलारी नाले को भाटने का काम किया जा रहा है ऐसे में दूसरे पक्ष ने मामले की शिकायत राजस्व विभाग में की है। उक्त मामले में ग्राम सकरिया में मौजूद कोईलारी नाला में खसरा क्रमांक 815 के भू स्वामी शिवप्रसाद मिश्रा अपनी जमीन में मौजूद नाले को दूसरी तरफ परिवर्तित करते नजर आ रहे है। जिसके चलते जमीन पर बीते 2 दिन से विवाद चल रहा है। ऐसे में लोगों के हस्तक्षेप के बावजूद भी काफी विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गया था। जिसके बाद तहसीलदार सीधा दखल देते हुए मौक़े की भूमि को नापी का आदेश दिया है।

 

रबड़ की तरह जमीन बढ़ाने की तैयारी

 

उक्त मामले में रकवा बढ़ाने की तैयारी स्पष्ट तौर से देखा जा सकता है। जहाँ कोई लारी नाले को भरने का प्रयास शिव कुमार मिश्रा व मौके पर मौजूद गैर लायसेंसी प्रॉपर्टी डीलर राजा तिवारी के द्वारा किया जा रहा था। जिस पर आपत्ति दर्ज करते हुए अभिषेक गुप्ता के द्वारा शिकायत राजस्व विभाग में की गई है, जिस पर राजस्व विभाग ने कार्रवाई करने की बात कही है।

 

राजा तिवारी के नजर में बरसाती नाला

 

अनूपपुर में राजा तिवारी कोई नया नाम नहीं इसके पहले भी राजा तिवारी के कारनामें तहसील से लेकर थाने तक और थाने लेकर कोर्ट तक में विचाराधीन रहे हैं व कुछ और भी होने की आशंका है। लेकिन अब राजा तिवारी को प्राप्त राजनीतिक संरक्षण के बाद से जिस तेजी से अनूपपुर जिला मुख्यालय में जमीनों पर टूट पड़े हैं उससे कहीं न कहीं संरक्षण देने वाली भाजपा भी सवालों के कटघरे में खड़े होते दिख रही है। राजा तिवारी जमीन को अपने रेट बेचने व नगर का स्वरूप बिगाड़ने का काम करते आ रहे हैं अब उनकी नजर जिला मुख्यालय के साथ-साथ उससे सटी हुई पंचायतों की जमीन पर भी देखने को मिल रहा है।

 

 

उक्त मामले पर पटवारी की भी मिली भगत आई सामने

 

प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत परसवार व हल्का सकरिया के पटवारी की आपसी मिलीभगत के चलते यह सरकारी नाला अब जमींदोज हो रहा है। व लगभग 3 किलोमीटर से भी ज्यादा का दायरा कोईलारी नाला बरसात के साथ-साथ बाकी मौसम में भी बहाव व बरसात का पानी बहता रहता है मगर जमीन दलाल उस पर भी अब मिट्टी भरने का काम कर रहे हैं। वहीं सरकारी नाले को भरने को लेकर विवाद 2 दिनों से चल रहा है, ऐसे में पुलिस भी दलालों के संपर्क में आती दिख रही है जहां पर सरकारी नाला बांटने के दौरान पुलिस बीच बचाव करते हुए अवैध प्रॉपर्टी डीलर राजा तिवारी के ही सुर में ताल देते दिख रहे हैं। ऐसे में कहना गलत नहीं होगा कि राजस्व के काम में पुलिस की मौजूदगी कहीं ना कहीं दलाल से साथ हुई सांठगांठ की ओर सीधा इशारा करती है।

Avinash Sharma
Author: Avinash Sharma

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