भारतीय मजदूर संघ लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल सहकारी शक्कर कारखाना मर्यादित पंडरिया में ठेका श्रमिको ने अपनी मांगों को लेकर सौंपा ज्ञापन,उग्र आंदोलन की दी चेतावनी

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कवर्धा:- पेराई सत्र 2022 _23 में श्रमिकों की वापसी अनियमित तरीके से पिछले दो सत्र से मेंटेनेंस कार्य किया जा रहा है और पुराने श्रमिकों को पेराई सत्र 2018_2019 के बेस पर लिया जाना था लेकिन कारखाना प्रबंधक के द्वारा पेराई सत्र 2021-22 व 2022_23 में श्रमिकों को अनियमित क्रम व भेदभाव तरीके से कार्य पर वापसी लिया जा रहा है जो किसी भी सत्र में मेंटेनेंस कार्य नहीं किया है उसे विगत 2 वर्षों से कार्य पर वापसी लिया जा रहा है वर्तमान स्थिति को देखते हुए पूरे श्रमिकों को अति शीघ्र कार्य पर लिया जावे अन्यथा ऐसे स्थिति में जो पिछले तीन सत्र 2018_19, 2019-20 व 2020-21 में मेंटेनेंस कार्य नहीं किया है उन्हें तत्काल पैड़ ऑफ किया किए जाने की मांग की है।

श्रमिको के द्वारा 09 सूत्रीय मांग किया गया जिसमे:-

1. वर्तमान महंगाई को देखते हुए कार्य अनुभव और योग्यता अनुसार एवं कारखाने में अन्य ठेका श्रमिकों का जिस तरह से एक मुस्त वेतन निर्धारित किया गया है उसी प्रकार सभी ठेका श्रमिकों को एकमुश्त वेतन दिया जावे।

 

2. जिन ठेका श्रमिकों को चार साल पूर्ण हो गया है उन सभी ठेका श्रमिकों को अर्ध कुशल एवं कुशल कलेक्टर दर से वेतन वृद्धि किया जावे।

3. शक्कर उत्पादन की रिकवरी बढ़ने के उपरांत सभी श्रमिकों को एक माह का वेतन बोनस के रूप में दिया जावे।

4. सत्र 2021_ 22 में सप्ताहिक अवकाश में किए गए कार्य का अतिरिक्त भुगतान जल्द से जल्द किया जाए।

5. मेंटनेंस सत्र 2022 _23 में ठेका श्रमिकों की वापसी में भेदभाव किए जाने के संबंध में :_ सत्र 2022_23 में पुराने ठेका श्रमिकों को छोड़कर मेंटनेंस सत्र 2021_22 में भ्रष्टाचारी कर नए ठेका श्रमिकों को वापसी में ले लिया गया था। उन्हीं ठेका श्रमिकों को फिर से वापसी लिया जा रहा है और पुराने ठेका श्रमिकों को पिछले साल आप कार्य पर नहीं आए हो कर इस सत्र भी कार्य पर नहीं लिया जा रहा है पुराने ठेका श्रमिकों को प्राथमिकता देते हुए अति शीघ्र कार्य पर वापसी लिया जावे।

6. केस्टेक भगाना है कारखाना बचाना है_: सत्र 2019 _20 में प्रबंध संचालक श्री दिलीप जायसवाल द्वारा कारखाना को केस्टैक मुक्त कर तकनीकी कर्मचारियों को सीधा कारखाना द्वारा भुगतान कर के लगभग 3 से 4 करोड रुपए का आर्थिक नुकसान से कारखाने को बचाया और सफल संचालन किया। वर्तमान प्रबंध संचालक द्वारा 2020_21 व 2021_22 में पुनः केस्टेक फर्म को टेंडर दे कर कारखाने को प्रति वर्ष लगभग तीन से चार करोड़ रु का आर्थिक नुक्सान पहुंचाया जा रहा है। मेंटनेश सत्र इस वर्ष ,2022_23 में प्रथम बार केस्टेक फर्म को मैंटनेश के लिए भी टेंडर दिया गया है जो केस्टेक फर्म को फायदा पहुंचाने के लिए दिया गया। पूर्व में कारखाना में कार्यरत तकनीकी कर्मचारियों को केस्टेक के माध्यम से भुगतान कर केस्टेक फर्म को फायदा पहुंचाया जाता है उक्त कर्मचारियों को कारखाने द्वारा सीधा भुगतान कर वित्तीय हानि से कारखाने को बचाया जा सकता है ।

वर्तमान में कुशल व योग्य कर्मचारी/ श्रमिक होते हुए भी केस्टक फर्म को टेंडर देकर लोकल छत्तीसगढ़िया को छला जा रहा है।

केस्टेक फर्म का टेंडर समाप्त कर लोकल कर्मचारियों के साथ न्याय करते हुए पद के अनुरूप कर्मचारियों को सीधे कारखाना द्वारा भुगतान किया जावे।

7.श्रमिक के द्वारा समय पर पी. एफ. की राशि और वेतन भुगतान नहीं किया जाता है और श्रमिकों द्वारा ठेकेदार से जानकारी लेने पर उचित जानकारी नहीं दिया जाता है व श्रमिकों के साथ दबाव पूर्ण बात किया जाता है ऐसे श्रमिक ठेकेदारों की ठेकेदारी समाप्त किया जावे।

ज्ञापन देते समय महामंत्री ललित चंद्रवंशी अध्यक्ष महानंद वर्मा एवं कार्यकारिणी सदस्य एवं भारतीय मजदूर संघ के समस्त कार्यकर्ता साथी उपस्थित रहेl

Ved Sahu
Author: Ved Sahu

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